नई दिल्ली / – प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 28 जून को दिल्ली स्थित विज्ञान भवन में दिगंबर जैन आचार्य विद्यानंद जी महाराज के शताब्दी समारोह का उद्घाटन किया। आपने उपस्थित जन समुदाय को संबोधित करते हुए कहा कि आज हम भारत की आध्यात्मिक परम्परा के एक महत्वपूर्ण अवसर के साक्षी बन रहे हैं । पूज्य आचार्य श्री विद्यानंद जी महाराज की जन्म शताब्दी का यह पर्व उनकी अमर प्रेरणाओं से ओत-प्रोत ये कार्यक्रम एक अभूतपूर्व प्रेरक वातावरण का निर्माण कर रहा है ।
पीएम मोदी ने कहा कि 28 जून 1987 को आज की तारीख पर ही आचार्य विद्यानंद जी को आचार्य पद की उपाधि प्राप्त हुई थी । उन्होंने कहा कि वह एक सम्मान नहीं था बल्कि जैन परम्पराओं को विचार, संयम और करुणा से जोड़ने वाली एक पवित्र धारा प्रवाहित हुई। आज हम सब उनकी जन्मशताब्दी मना रहे हैं तब यह तारीख उस ऐतिहासिक क्षण की याद दिलाती है ।
पीएम मोदी ने विद्यानंद जी महाराज को नमन करते हुए कहा कि उनका आशीर्वाद हम सब पर सदा बना रहे। यह कोई साधारण कार्यक्रम नहीं है,इसमें एक युग की स्मृति है एक तपस्वी जीवन की गूंज है। आपने आचार्य विद्यानंद जी के जीवन और शिक्षाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की तथा अहिंसा की परम्परा को रेखांकित किया। प्रधानमंत्री ने नवकार दिवस पर दिए नौं सूत्रों को पुनः दोहराते हुए सभी से उनको दृढ़ता से पालन करने का आग्रह किया।
प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर विशेष स्मृति के डाक टिकट एवं सिक्के जारी किये। आपको जैन समाज की ओर से ” धर्म चक्रवर्ती ” की उपाधि से विभूषित किया गया , जिसे आपने प्रसाद समझकर स्वीकार किया। समारोह को परम्पराचार्य प्रज्ञ सागर जी व श्रवणबेलगोला के भट्टारक चारु कीर्ति जी ने भी सम्बोधित किया। यह भव्य कार्यक्रम संस्कृति मंत्रालय द्वारा भगवान महावीर अहिंसा भारती ट्रस्ट के सहयोग से किया गया।
🙏 वरिष्ठ पत्रकार राजेश जैन रागी बकस्वाहा