आचार्य सुनील सागर जी महाराज के सत्संग के तीन मुनिराज नैनवा की पावन धरती पर जैन समाज द्वारा भव्य अगवानी की गई

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जैन समाज द्वारा भव्य अगवानी की गई
108मुनि श्रुतेश सागर जी महाराज
108मुनि संविज्ञ सागर जी महाराज
105क्षुल्लक सुप्रकाश सागर जी महाराज
मुनिसंघ का प्रदार्पण में ऐसा स्वागत सम्मान शायद ही पहली बार देखा गया है
दिगंबर जैन समाज द्वारा संपूर्ण तैयारी की गई थी नेमिनाथ तीर्थ क्षेत्र से मुनि संघ की भव्य अगवानी के साथ गाजे बाजे जय जय कर के साथ
नगर में सभी जिनालयों दर्शन करते हुई प्रवचन स्थल लोहड़ी चोहटी
स्थल पर पहुंचे
धर्म से बढ़कर संसार में कोई वस्तु ही नहीं है
मुनि ने धर्म सभा को बताया
प्रत्येक मनुष्य सुख चाहत में है परंतु सुख पाने का कार्य कर ही नहीं रहा
संसार की भोग क्रियो में ही अपना समय व्यतीत कर रहा है
24 घंटे में से मनुष्य एक घंटा भी ईश्वर का श्रवण कर ले इस संसार की सभी सुखों का आवास होने लगेगा
भगवान की भक्ति से बढ़कर कोई अमूल्य कार्य मुनि ने नहीं बताया
मुनिराज यह भी बताया कि संसार की जितने भी भौगोलिक वस्तुएं हैं वह धर्म के पीछे जुड़ी हुई है जहां धर्म है वहां धन अपने आप ही चला आता है
जिन घरों में धर्म की संपूर्ण क्रिया होती है लक्ष्मी अपना निवास वहीं बनती है
चार महा वर्षा योग के लिए मुनिराज श्रावकों को धर्म का ज्ञान बांटने के लिए पैदल विहार कर गांव-गांव में पहुंचते हैं
जहां पर मुनि पहुंचते हैं उन नगरों के अंदर एक उत्साह मेला सा होने लगता है
वर्षा योग समिति के अध्यक्ष विनोद मारवाड़ा ने बताया 6 वर्षों बाद नैनवां नगरी में वर्षा योग हो रहा है इसलिए सभी जैन परिवार की महिलाएं पुरुष बहुत ही उत्साहित हैं
महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान

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