आचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज के दर्शन करने 18 अकटूबर 2024 को नांदणी में श्रवणबेलगोला के स्वस्तिश्री चारुकीर्ती भट्टारक स्वामीजी पधारे

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चर्या शिरोमणी, आध्यात्मयोगी आचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज के दर्शन करने 18 अकटूबर 2024 को नांदणी में श्रवणबेलगोला के स्वस्तिश्री चारुकीर्ती भट्टारक स्वामीजी पधारे | नांदणी में प. पू. जिनसेन भट्टारक महास्वामीजी नांदणी ने श्रवणबेलगोला के स्वस्तिश्री चारुकीर्ती भट्टारक स्वामीजी का भव्य स्वागत किया |
स्वस्तिश्री चारुकीर्ती भट्टारक स्वामीजी श्रवणबेलगोला को नांदणी नगर में रथ में बिठाकर प. पू. जिनसेन भट्टारक महास्वामीजी संस्थान मठ नांदणी तक धुमाधाम से गाजे – वाजे के साथ लाया गया |
प. पू. जिनसेन भट्टारक महास्वामीजी संस्थान मठ नांदणी में स्वस्तिश्री चारुकीर्ती भट्टारक स्वामीजी, श्रवणबेलगोला और प. पू. जिनसेन भट्टारक महास्वामीजी संस्थाण मठ नांदणी इन दोन्हो भट्टारक जी
द्वारा चर्या शिरमोमणी आध्यात्मयोगी आचार्य श्री विशुद्धसागर महाराज जी के दर्शन करके उनकी आरती की |
स्वस्तिश्री चारुकीर्ती भट्टारक स्वामीजी, श्रवणबेलगोला ने कहा की – 2 नवंबर को पिच्छीका परिवर्तन समारोह के बाद चर्या शिरोमणी आचार्य श्री विशुद्ध सागर महाराज जी ससंघ का विहार हसन पंचकल्याणक महोत्सव के लिए कर्नाटक प्रांत में होगा | चर्या शिरमोमणी आध्यात्मयोगी आचार्य श्री विशुद्धसागर जी महाराज को संसघ श्रवणबेलगोला पधारणे हेतू स्वस्तिश्री चारुकीर्ती भट्टारक स्वामीजी, श्रवणबेलगोला ने निवेदन किया |
प.पू. आचार्य श्री विशुद्धसागर महाराज जी ने अभि तक 1,25,000 कि.मि. पैदल विहार किया हैं l आचार्यश्री ने 250 ग्रंथों की रचना और 5000 नितीकाव्य का लेखन किया हैं l आचार्यश्री के सानिध्य में लागभग 146 पंचकल्याण प्रतिष्ठा महामहोत्सव सानंद संपन्न हुए हैं l
147 वा पंचकल्याण प्रतिष्ठा महामहोत्सव श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र जैनरगुत्ती (हासन,कर्नाटक) में
28 नबम्बर से 04 दिसम्बर 2024 तक संपन्न होगा |

साभार राजेश जैन दद्दू
शब्दांकन – श्री अभिषेक अशोक पाटील

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