आचार्य श्री विमर्श सागरजी के संघ सान्निध्य में दिल्ली में भव्य जैनेश्वरी दीक्षा समारोह संपन्न

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सादर प्रकाशनार्थ
आचार्य श्री विमर्श सागरजी के संघ सान्निध्य में दिल्ली में भव्य जैनेश्वरी दीक्षा समारोह संपन्न
( कृपया चित्र भी देख लें )
नई दिल्लीः श्री दि. जैन मंदिर कृष्णानगर के सौजन्य से यमुापार सीबीडी ग्राउंड के विशाल जिनतीर्थ मंडप में जीवन है पानी की बूंद महाकाव्य के रचयिता आदर्श महाकवि आचार्य श्री विमर्श सागरजी के संघ सान्निध्य में आयोजित चार दिवसीय दीक्षा समारोह के अंतिम दिवस शुक्रवार 15 नवंबर को ब्रह्मचारिणी विशू, नेहा, ज्योति, मित्रवती, महिमा, रिया, गुंजन, सोनाली, सृष्टि, दीपा, प्रतिक्षा, रीता व ब्रह्मचारी प्रवीण को केशलोंच आदि के बाद विधि-विधान पूर्वक मंत्रोच्चारण के साथ जैनेश्वरी दीक्षा प्रदान कर पिच्छी और कमंडल देकर नवीन नाम प्रदान किए गए। सात ब्रह्मचारिणियों को आर्यिका व पांच को क्षुल्लिका तथा ब्र. प्रवीण जी को
क्षुल्लक दीक्षा प्रदान की गई।
सभी संतों ने अपने आशीर्वचन में इस नर-भव को सफल बनाने के लिए व मोक्ष प्राप्ति के लिए संयम पथ को ही सर्वोपरि व श्रेष्ठ मार्ग बताया। समारोह में आचार्य
विनीत सागरजी व विभक्त सागरजी भी मौजूद रहे। आचार्य श्री विमर्श सागरजी का स्वर्णिम विमर्श उत्सव भी मनाया गया। भारतवर्षीय दि. जैन तीर्थक्षेत्र कमेटी के
अध्यक्ष जंबू प्रसाद जैन, दि. जैन लाल मंदिर के प्रबंधक पुनीत जैन, पवन जैन गोधा, यमुनापार जैन समाज के पूर्व अध्यक्ष राकेश जैन, डा. श्रेयांश जैन, डा. नलिन
के शास्त्री, दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, डा. नीलम जैन  सहित अनेक विशिष्ट व्यक्तियों सहित देश भर से लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं ने नम आंखों से भाग लिया। उससे पूर्व घटयात्रा, ध्वजारोहण, दीक्षार्थियो की भव्य बिनौली शोभायात्रा, गणधर वलय विधान, हल्दी-मेहंदी रस्म, आहार विधि और डा. कुमार विश्वास के संचालन में आध्यात्मिक कवि सम्मेलन, रूपेश जैन व विक्की डी पारेख की भजन संध्या व प्रेरक सांस्कृतिक कार्यक्रम हुए। रात्रि में ड्रोन द्वारा आकर्षक रंगीन जिनागम लेजर शो देखने दस हजार से भी अधिक श्रद्दालु उमड पडे। भव्य संयोजन नरेंद्र जैन व मनीष जैन ने किया। कईं ग्रंथो का लोकार्पण भी किया गया। समारोह की स्मृति में भारत सरकार के डाक विभाग ने विशेष कवर लिफाफा जारी किया। बहुत ही आकर्षक व भव्य पंडाल लाखों भक्तों द्वारा जिनागम पंथ जयवंत हो के उदघोष से गूंजता रहा।
प्रस्तुतिः रमेश चंद्र जैन एडवोकेट, नवभारत टाइम्स नई दिल्ली

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