वात्सल्य वारिधि स्वागत द्वार का लोकार्पण हुआ
पारसोला राजस्थान (मनोज जैन नायक) पंचम पट्टाधीश आचार्य श्री वर्धमान सागर जी महाराज का 75 व जन्म वर्ष हीरक जयंती पूर्ण श्रद्धा भक्ति के साथ श्यामा वाटिका पारसोला में मनाया गया। इस अवसर पर प्रातःकाल आचार्य श्री की गुरु वंदना सभी साधुओं ने भक्ति भावपूर्वक परिक्रमा लगाकर की। इसके पश्चात साबला रोड पारसोला में 35 लाख की लागत से जैन युवा संगठन कुवैत द्वारा निर्मित वात्सल्य वारिधि स्वागत द्वार का लोकार्पण अतिथियों ने किया इसके पश्चात प्रातः कालीन सभा सन्मति भवन में आयोजित की गई जिसमें आचार्य वर्धमान सागर जी ने उत्तम धर्म की विवेचना की।दशलक्षण पर्व अनादिनिधन है प्रत्येक व्यक्ति के जीवन में सरलता रिजुता होना चहिए।आहारचार्य के पश्चात दोपहर को भव्य जुलूस आचार्य संघ के सानिध्य में श्यामा वाटिका पहुंचा सन्मति भवन से नगर के अनेक मार्गों पर फ्लेक्स बैनर और सजीव झांकियां लगी थी जिसमें आचार्य वर्धमान सागर जी के 75 वर्ष के जीवन चरित्र को दर्शाया गया ।जिसकी लोगों ने भूरी भूरी प्रशंसा की सजीव चित्रण प्रभावकारी थे। जुलूस में आगे पंजाब का बैंड अपने मनमोहक नृत्य के द्वारा आभा भी बिखेर रहा था जुलूस का समापन श्यामा वाटिका में हुआ जहां पर राजेंद्र कटारिया अहमदाबाद ,राजेश बी शाह मुंबई ने ध्वजारोहण किया।
आचार्य संघ के मंचासिन होने के बाद बाहर से पधारे जन्म भूमि सनावद सहित अन्य नगरों से पधारे अतिथियों ने आचार्य श्री को श्रीफल भेंट कर आशीर्वाद प्राप्त किया । सुशील कारवां उदयपुर परिवार द्वारा मंगल कलश स्थापना की गई।आचार्य शांति सागर जी एवं पूर्वाचार्यों के चित्रों का अनावरण कर दीप प्रज्वलन ब्रह्मचारी गज्जू भैया,सनावद से पधारे पारस पंचोलिया ,राजेंद्र कटारिया अहमदाबाद, मणिंद्र जैन देहली , प्रकाश बड़जात्या चेन्नई,संजय पापड़ीवाल किशनगढ़, मन्नालाल सांसद उदयपुर राकेश सेठी कोलकाता सुरेश सबलावत जयपुर ,राजेश बी शाह मुंबई,सुशील कारवा उदयपुर,पंडित हंसमुखजी आदि गणमान्य लोगों ने किया इन्होंने आचार्य श्री के चरण प्रक्षालन ओर जिनवाणी भेंट का सौभाग्य भी प्राप्त किया । जयंतीलाल कोठारी अध्यक्ष जैन समाज तथा ऋषभ पचोरी अध्यक्ष वर्षायोग समिति अनुसार आचार्य श्री शान्तिसागर जी पर मुनि श्री हितेंद्र सागर जी द्वारा रचित ओर गायन भजन का लोकार्पण हुआ ।आचार्य श्री के 75 वर्षीय व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर अनेक विद्वानों ने अपनी भावांजलि प्रस्तुत की जिसमें मुख्य अतिथि राजेंद्र कटारिया , मणिंद्र जैन संजय पापड़ीवाल, भरत जैन इंदौर ,पारस पंचोलिया सनावद, पंडित कीर्ति पारसोला आदि प्रमुख रहे। प्रकाश बड़जात्या चेन्नई ने महासभा की और से 51 प्रथमाचार्य शांति सागरजी प्रतिमा लगाने की घोषणा की।आर्यिका प्रणीत मति, आ पद्म यश ,चैत्य मति, मुनि,प्रणीत सागर ,मुमुक्षु सागर प्रबुद्ध सागर ,चिन्तन सागर ,हितेंद्र सागर चिन्मय सागर जी ने आचार्य श्री का गुणानुवाद भाव विभोर होकर किया। धरियावद से मुनिश्री पुण्य सागर जी की विनयांजलि भावांजलि पत्र सुनाया गया। इस अवसर पर प्रथमाचार्य शांतिसागर आचार्य पदप्रतिष्ठा शताब्दी महोत्सव पूजन के अनेक पदों के लिए अनेकों सौभाग्यशाली परिवार ने अपनी स्वीकृति दी। नगर के अविवाहित लड़के लड़कियों ने आचार्य श्री वर्धमान सागर जी संघ समक्ष परिवार की अनुमति से जैन समाज में विवाह करने का संकल्प लिया। सैकड़ों दीपकों से आचार्य श्री की आरती हुई।