आचार्यश्री के समाधिमरण पर हुई सर्वधर्म विनयांजलि सभा

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जन-जन के आराध्य अध्यात्म योगी आचार्य श्रेष्ठ विद्यासागर ने दी संस्कारों की सीख
– अभिनंदनोदय तीर्थ में विनयांजलि सभा में बोले राजनेता और साधूसंत
– आचार्यश्री की स्मृति में हो चौराहे का नामकरण
ललितपुर। आध्यात्म योगी, उत्कृष्ठ साधक आचार्य श्रेष्ठ विद्यासागर महाराज के समतापूर्वक संलेखना समाधि पर दिगम्बर जैन समाज पंचायत समिति के तत्वावधान में अभिनंदनोदय तीर्थ पर सर्व धर्म विनयांजलि सभा में वक्ताओं ने सदी का महानतम संत बताते हुए अपनी विनयांजलि अर्पित की। प्रातःकाल जैन मंदिरों में श्रीजी के अभिषेक, शान्तिधारा के उपरान्त आचार्यश्री की पूजन एवं आचार्य छत्तीसी विधान कर आचार्यश्री के गुणों का गुणानुवाद किया गया।
मध्यान्ह में  विनयांजलि सभा का शुभारम्भ  महंत कृष्णगिरि महाराज, ईसाई धर्म के पादरी किशोर मेथुम, सिख धर्म के ज्ञानी युवराजसिंह ने आचार्य श्री के चित्र के सम्मुख दीपप्रज्जवलित कर किया। मंगलाचरण आचार्य श्री विद्यासागर  पाठशाला परिवार की बहिनों ने गुरूमक्ति पूर्वक किया। आचार्य लश्री के जीवन पर आधारित डाकूमेंन्टरी के माध्यम से उनके विराट जीवन का चित्रण मंच पर किया गया। उत्तरप्रदेश सरकार के राज्यमंत्री मनोहरलाल पंथ ने आचार्यश्री को जन-जन का संत बताते हुए उनके वियोग को राष्ट्र की अपूरणीय क्षति बताया। भारत सरकार के पूर्व केन्द्रीयमंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने कहा आचार्यश्री के जहां -जहां चरण  पड़े वहां से संस्कारों की वह धारा निकली जिससे व्यक्ति के जीवन में वह परिवर्तन आया जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती। महंत कृष्ण गिरि महाराज ने आचार्य लश्री की साधना और त्याग को आदर्श बताते हुए कहा वह संत समाज के लिए आदर्श हैं। प्रतिभास्थली की दीदी ने डोगरगढ में आचार्य लश्री की उत्कृष्ट साधना समाधी का दृश्य जब उपस्थित जनसमुदाय के सम्मुख रखा  तो आंख नम हो गई । उन्होंने कहा आचार्यश्री कहीं नहीं गए हम सब के बीच हैं, सदैव आशीर्वाद उनका हमारे साथ है उनके आशीवाद से चल रहे प्रकल्पों को संबल प्रदान करने का दायित्व हम सबका है। स्मरण रहे आचार्य श्री विद्यासागर महामुनिराज की समतापूर्वक संलेखना समाधि 18 फरवरी 24 को चन्द्रगिर डोगरगढ़ में हुई जिनकी खबर से पूरी समाज स्तब्ध है। आचार्यश्री की पहिचान अपराजेय साधक के रूप में रही जिन्हें 22 वर्ष की आयु में जैनेश्वरी दीक्षा ग्रहण कर आचार्य श्री ज्ञानसागर महाराज ने 22 नवम्बर 1972 को आचार्य पद प्रदान किया। आचार्यश्री की प्रेरणा से हजारों मूक पशुओं का संरक्षण गौशाला के माध्यम से हो रहा है वहीं हजारों बालिकाएं प्रतिभास्थली में संस्कारित हो रही हैं। आचार्यश्री ने राष्ट्र हित में भारतीय शिक्षा पद्यति लागू करने, छात्र-छात्राओं की पृथक शिक्षा, चिकित्सा व्यवसाय नहीं सेवा के रूप में अपनाने के लिए समाज को प्रेरित किया। मांस निर्यात को कलंक बताते हुए भारतीय प्रतिभाओं का निर्यात रोकने के लिए समाज काआव्हान किया।
विनयांजलि सभा में सांसद प्रतिनिधि दिनेश गोस्वामी ने सांसद अनुराग शर्मा की भावनाएं बताई उन्होंने नगरपालिका अध्यक्ष से आचार्य विद्यासागर महाराज की स्मृति में पार्क एवं पूर्व पार्षद भारत भूषण भीमचौरसिया ने आचार्यश्री द्वार बनाए जाने की मांग की। विहिप के रामगोपाल नामदेव ने आचार्यश्री को राष्ट्र की धरोहर बताते हुए केन्द्र सरकार को उनकी स्मृति में प्रतिवर्ष पुरस्कार की घोषणा हेतु आग्रह किया। पूर्व आईजी कारागार वी०के०जैन, नगरपालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि मुन्नालाल जैन, प्रो० भगवतनारायण शर्मा, राज्यमंत्री प्रतिनिधि चंदशेखर पंथ, पूर्व सपा जिलाध्यक्ष तिलक यादव, प्रदीप चोबे, बुंदेलखंड सेना के अध्यक्ष हरीश कपूर टीटू, पूर्व सपा जिलाध्यक्ष राजेश यादव,  नरेद्र कडंकी, अब्दुल नासिर मंजूरी, नवनीत किलेदार, लक्ष्मीनारायण विश्वकर्मा, कल्पनीत सिंह लोधी, अजय वरया पत्रकार, सिद्धार्थ भैया, कन्हैयालाल नामदेव, रंजीतसिंह, जितेन्द्र अनोरा, सेन समाज के अध्यक्ष घनश्याम सेन, फूलचंद रजक आदि ने विनयांजलि सभा में आचार्यश्री के व्यक्तित्व का गुणानुवाद कर अपनी भावनाएं रखी।
दिगम्बर जैन पंचायत के अध्यक्ष डा० अक्षय टडैया, महामंत्री आकाश जैन, संयोजक सनत जैन खजुरिया, कोषाध्यक्ष सौरभ जैन सीए, मंत्री कैप्टन राजकुमार जैन, मंदिर प्रबंधक मोदी पंकज जैन, अशोक दैलवारा, सतीश नजा, प्रतीक इमलिया, राकेश जैन रिंकू सहित पदाधिकारियों ने आमंत्रित अतिथियों को प्रतीक चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया।
धर्मसभा का संचालन महामंत्री आकाश जैन भारत गैस, आलोक शास्त्री, डा० सुनील संचय, मधुर समैया ने सयुक्त रूप से किया।
विनयांजलि सभा में पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष रमेश खटीक, गुलाम मुहम्मद गामा, मनीष अग्रवाल, समाजवादी पार्टी जिलाध्यक्ष नैपाल सिंह यादव, डा. राजकुमार जैन, आम आदमी पार्टी से हरदयालसिंह लोधी, डॉ रामगोपाल साहू, रामलला सिकरवार, डा० एस०पी०पाठक, सरदार सुरजीतसिंह, जगतीतसिंह, पत्रकार अमित सोनी, अजित भारती, राहुल जैन, शैलेश पिन्टू अनंत सर्राफ, विजय जैन कल्लू, रवीन्द्र दिवाकर, रवि चुनगी,  पार्षद सोनू पाठक, कुन्दनपाल, अशोक पंथ, जितेन्द्र राठौर, उदयप्रताप पटैल, अफजुल रहमान, मु० मुस्तफा, आलोक जैन मयूर, जगदीश यादव, रामकिंकर, रमेश कुमार गांधी ,धर्मवीर कुशवाहा पूर्व अध्यक्ष जैन समाज अनिल जैन अंचल, ज्ञानचंद इमलिया, शीलचंद अनौरा, महेन्द्र मयूर, अजय जैन साइकिल, सुरेश बडैरा, विनोद कामरा, प्रदीप सतरवांस, अखिलेश गदयाना, राजेन्द्रजैन थनवारा, मंगू पहलवान, मनोज बबीना, श्रीश सिंघई, संजय रसिया , जितेंद्र जैन राजू, शुभेंदु  जैन बंट आदि मौजूद रहे।
मेडिकल कॉलेज का आचार्यश्री के नाम पर रखने की मांग : ललितपुर में बन रहे मेडिकल कॉलेज व हवाई अड्डे का नाम आचार्य श्री विद्यासागर जी के नाम पर रखे जाने की मांग जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री से की गई है।
विद्यासागर स्मृति द्वार बनाने की मांग:
ललितपुर। विभिन्न संगठनों ने आचार्य विद्यासागर के नाम पर स्मृति द्वार बनाने की मांग नगर पालिका से की है।  विभिन्न संगठनों ने अध्यक्ष नगर पालिका व अधिशासी अधिकारी को पत्र सौंपा।
 अध्यक्ष नगर पालिका व अधिशासी अधिकारी को पत्र भी सौंपा। इन संगठनों में जिला उद्योग व्यापार मंडल, स्माल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन, भारत विकास परिषद, रामराजा व्यायाम मंदिर समिति, कमंडल सेवा मंडल, प्रेस क्लब रजिस्टर, दयोदय पशु संरक्षण केंद्र गोशाला ललितपुर, भाजपा का अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ, श्रीवीर व्यायामशाला एवं जिमनेजियम, बाहुबली सेवा संघ शामिल रहे।
देवगढ़ मुक्त आकाशीय मंच पर समर्पित विनयांजलि :
ललितपुर। श्री देवोदय तीर्थ क्षेत्र देवगढ़ स्थित मुक्त आकाशीय मंच पर दिगंबर जैन कमेटी के तत्वावधान में विनयांजलि समर्पित की गई। वक्ताओं ने कहा कि आचार्यश्री त्याग, तपस्या और संयम की प्रतिमूर्ति थे। इस मौके पर  अनिल अंचल, दीपक तिवारी, प्रदुम्न तिवारी, भूपेंद्र जैन सिद्धि, स्वतंत्र मोदी, अखलेश गदयाना, जगदीश जैन, सिद्धेश्वर जमोरया, ज्ञानचंद इमलिया, विनोद कामेरा, प्रभात सराफ, महेंद्र सराफ, कोमलचंद सैदपुर, राजीव, गौरव जैन आदि मौजूद रहे।
-डॉ सुनील संचय

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