आचार्य श्री संघ का मंगल पद विहार

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आचार्य श्री 108 प्रमुख सागर जी मुनिराज संसंघ का मंगल पद विहार आज दिन गुरुवार को कोलकाता स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन उपवन मंदिर जी बेलगाछिया से शुरू होकर श्री शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर जी काकुरगाछी तक के लिय हुआ

गाजे बाजे के साथ इस मंगल पद विहार में कोलकाता एवं बृहत्तर कोलकाता जैन समाज के सभी भव्य जीवों ने बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया बेलगाछिया मंदिर जी में श्री जी के दर्शन,अभिषेक एवं शुभ शांतिधारा के बाद मुनि संघ का मंगल पद विहार शुरू हुआ

पद विहार में जगह जगह पर भक्तों ने अपने परिवार एवं साधर्मी मित्रों के साथ मिलकर गुरु की भव्य अग़वानी की। गुरु चरणों का पाद प्रक्षालन एवं आरती कर अपने आप को धन्य कर रहे थे

आज पंचमकाल में चतुरविध संघ का नगर में मंगल आगमन होना बहुत ही परम सौभाग्य की बात है श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर जी काकुरगाछी में भक्तों को तांता लगा हुआ था पूरा जिनालय भक्तों से भरा था हर तरफ मुनि संघ के जय जयकारो से सारा भूमंडल गुंजायमान हो रहा था,काकुरगाछी मंदिर में गुरुदेव संसंघ के सानिध्य मे अभिषेक एवं शांतिधारा के बाद गुरुदेव का मंगल प्रवचन हुआ

गुरुदेव ने बताया कि आज शाश्वत पर्व अष्टमी हैं एवं आज से जैन धर्म का महान पर्व अष्ठानिका प्रारंभ हो रहा हैं जिसमें स्वर्ग के देवतागण भी नंदीश्वर द्वीप के दर्शन के लिये जाते है।

आचार्य श्री ने अपने प्रवचन के माध्यम से सभी भव्य जीवों को जीवो और जीने दो का उपदेश दिया

जैसा कि सभी को विदित हैं कि मुनि संघ का 2025 का पावन वर्षायोग जो कि श्री पार्श्वनाथ दिगम्बर जैन उपवन मंदिर जी बेलगाछिया में होना है गुरुदेव ने सभी भक्तों को इस पावन वर्षायोग में अपनी अपनी सहभागिता के साथ महान एवं सतीशय पुण्य अर्जन करने के लिए कहा
गुरुदेव संसंघ के जय जयकारो से धर्मसभा खत्म हुई

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