आचार्य सन्मति सागरजी की जन्म स्थली शिरदवाड़ (कर्नाटक ) में चल रहे पंचकल्याण में जयपुर के श्रेष्ठियों का हुआ सम्मान
निर्यापक मुनि श्री विद्या सागर जी को घोषित किया नव आचार्य
फागी संवाददाता
जयपुर – आचार्य सन्मति सागरजी (दक्षिण ) की जन्म स्थली कर्नाटक के शरदवाड़ कस्बे में आचार्य वर्धमान सागर जी (दक्षिण), निर्यापक मुनि धर्म सागर जी , निर्यापक मुनि विद्या सागर जी , निर्यापक मुनि सिद्धांत सागर जी सहित 25 पिच्छिका के पावन सानिध्य में चल रहे श्रीमज्जिनेन्द्र पंचकल्याण प्रतिष्ठा महोत्सव विश्व शांति महायज्ञ में शनिवार को तप कल्याण – समवशरण देशना की क्रियाएं विधि विधान पूर्वक संपन्न हुई | इस अवसर पर जयपुर जनकपुरी जैन समाज के पधारे श्रेष्ठी पदम जैन बिलाला, कमलेश पाटनी बन्थली , सौभाग अजमेरा , पुष्पा बिलाला, दीपा पाटनी आदि का डा० अविनाश पाटिल – पंचकल्याण समिति अध्यक्ष , सौधर्म इंद्र – अशोक अन्नपानोरजे सहित समाज जन व पात्रों द्वारा स्वागत अभिनंदन किया गया । इधर नव घोषित आचार्य निर्यापक मुनि विद्या सागर जी ने आशीर्वाद में कहा की वीतराग प्रभु की आराधना , अपराजित मन्त्र णमोकार का जाप , भक्तामर का नियमित पाठ , नित्य देव दर्शन आदि असाध्य रोग को भी साध्य करने की क्षमता रखते है ।उल्लेखनीय है कि इनका 2019 में जयपुर में भव्य चातुर्मास संपन्न हुआ था सभी ने आचार्य श्री सन्मति सागर जी के जन्म स्थान तथा वहाँ लगे चित्र आदि का अवलोकन कर भूरी भूरी प्रशंशा की।
राजाबाबू गोधा जैन गजट संवाददाता राजस्थान