आज भी धर्म और समाज के प्रति समर्पित हैं कैलाशचंद पाटनी

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बूंदी। समाजसेवा के प्रति वही व्यक्ति समर्पित होता है, जिसका दिल और दिमाग जुड़ जाए। श्री कैलाशचंद पाटनी के अंतरमन में सदा से ही समाजसेवा के लिए बहुत कुछ अच्छा सहयोग करने का भाव रहा है। वह यह अच्छे से जानते हैं कि सेवा से बढ़कर कोई सुख नहीं होता, प्रेम से बढ़कर कोई प्रार्थना नहीं होती और सहानुभूति से बढ़कर कोई सौन्दर्य नहीं होता।
इस प्रकार की प्रतिभा के धनी कैलाशचंद पाटनी का जन्म स्व. श्री गोपीलाल जी पाटनी के घर पर 23 अगस्त 1940 को बूंदी में हुआ। इन्होंने बीए तक की शिक्षा ग्रहण करके राजकीय सेवा में विभिन्न पदों पर रहते हुए सांख्यिकी अधिकारी के रूप में मार्च 1999 को सेवानिवृत्त हुए। श्री कैलाशचंद जी पाटनी का खण्डेलवाल सरावगी समाज बूंदी शहर के साथ साथ पूरे बंूदी जिले में सामाजिक एवं धार्मिक कार्यों में बहुत बड़ा योगदान रहा। वह सन् 1980 से नियमित रूप से साधु संतों मंे लगे रहे। जब 1998 में खण्डेलवाल सरावगी समाज की एडवोकेट गोपाल लाल जी झालानी की अध्यक्षता मंे संस्था बनी तब से समाज की संस्था में किसी न किसी पद पर सेवा देेते रहे। राजकीय सेवा में रहते हुए समाज के लिए कोषाध्यक्ष के पद पर रहे। 2003 से 2006 तक मंत्री के पद पर रहे। 2009 से 2011 तक अध्यक्ष के पद को सुशोभित किया। वह 2 नवम्बर 2003 को भारत वर्षीय खण्डेलवाल दिगम्बर जैन महासभा के सक्रिय सदस्य बने जो आज तक नियमित रूप से चल रहे हैं। कैलाशचंद जी पाटनी 2001 से 2005 तक भाजपा के पंेशन प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष भी रहे।
उन्होंने कठिन परिश्रम से 2003 में बूंदी जिले की पारिवारिक स्मारिका को बनाने में बहुत बड़ा योगदान किया। उनके प्रयासों से ही इस पारिवारिक स्मारिका का विमोचन अखिल भारतीय खण्डेलवाल दिगम्बर जैन महासभा के अध्यक्ष निर्मल जी सेठी व मंत्री बाबूलाल जी छाबड़ा को बूंदी बुलाकर स्मारिका का विमोचन कराया। उन्होंने जैन गजट को बताया कि मेरे इस उम्र में भी स्वस्थ रहने का कारण नियमित योग करना है।
श्री कैलाशचंद जी पाटनी अपनी पूरी यौवन अवस्था में सन् 1976 से ही चैगान जैन आश्रम में स्थित आदिनाथ भगवान के अभिषेक, पूजन नियमित करते आ रहे हैं। आज 85 वर्ष की उम्र मंे भी वह भगवान के नियमित कलशाभिषेक, पूजन करते हैं। उनके संयोजन में मुनिश्री कुशाग्रनंद जी महाराज का 2004 में चातुर्मास कराने तथा 2011-12 में सृष्टिभूषण माताजी का चातुर्मास हुआ। इस प्रकार से मुनि की सेवा में भी अग्रणी रहे।
इस उम्र में भी खण्डेलवाल जिला सरावगी समाज के वरिष्ठजनों का सम्मान समारोह के संयोजक बनाए गए और पूरी निष्ठा, लगन, तत्परता से इस कार्य को सफल बनाने में लगे हुए हैं। वह जैन गजट के वर्षों से नियमित पाठक हैं और अभी आजीवन सदस्यता को पुनः रिन्यूवल करवाया है।
ऐसे कर्मठ, गतिशील व्यक्ति के धनी कैलाशचंदजी पाटनी समाज को गति देने के लिए 85 वर्ष की उम्र में भी सक्रिय रूप से उनकी भागीदारी बनी हुई है।
रविन्द्र काला
जैन गजट संवाददाता, बूंदी

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