700 जैन मुनियों पर उपसर्ग की रक्षा रक्षाबंधन पर ऊपर हुई थी

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18 अगस्त रविवार 2024
महावीर जिनालय बिसपंथ पर जैन मुनि श्रुतेशसागर जी महाराज धर्म सभा में बताया की रक्षाबंधन पर्व भाई बहन का स्नेह रक्षा सूत्र का महान पर्व है
इसी दिन सात
सो मुनियों पर उपसर्ग हुआ था
एक राजा के चार मंत्रियों ने जैन मुनियों पर उनकी साधना में भयंकर परेशानी उत्पन्न की थी
राजा को चार मंत्रियों के द्वारा किया गया कृत्य मालूम हुआ तुम चारों मंत्रियों को काला मुंह करके देश के बाहर निकला गया इन उपसर्ग की जानकारी महान तपस्वी संत मुनि विष्णु कुमार को मालूम हुआ तो उन्होंने अपने ज्ञान ध्यान तप से उपसर्ग को दूर किया तब से ही जैन धर्म में रक्षा सूत्र बांधा जा रहा है इसी रोज उपसर्ग दूर हुआ था इसी कारण यह पर्व मनाया जाता है
भगवान वितरागी है मनुष्य रागी है
जैन मुनि सविज्ञसागर जी सागर महाराज ने बताया कि मनुष्य के चेहरे पर मुस्कुराहट रखने वाले बहुत बड़े मन के अमीर होते हैं हर मनुष्य के चेहरे पर खुशी नहीं मिलती
आज मनुष्य जिनालय में शांति के लिए भगवान की आराधना करने जाता है
उस जिलालय में आज लोगों ने शांति की जगह अशांति उत्पन्न कर दी
भगवान के पवित्र पावन जिनालय में मान कसाई अहंकार झगड़ा मतभेद क्रोध आदि होने से जिनालयों में शांति की जगह अशांति होने लगी है भगवान तो वितरागी है उन्होंने संपूर्ण संसार को छोड़कर अपनी आत्मा में ध्यान में लगे हुए हैं और मनुष्य रागी है जो बात बात पर राग करके लोगों को कष्ट पहुंचते हैं
उन्होंने बताया की राग कसाई क्रोध अहंकार त्याग कर भगवान का स्मरण करने से जीव की गति होगी
आज भक्तामर के पुण्याजक रमेश कुमार ललित कुमार सुरेंद्र मुकेश मित्तल परिवार ने सौभाग्य प्राप्त किया
चित्र अनावरण दीप प्रज्वलित मुनि के पाद पक्षालन और मंगलाचरण की भव्य प्रस्तुति भी दी
वर्षा योग समिति द्वारा मित्तल परिवार का स्वागत सम्मान किया गया
दिगंबर जैन प्रवक्ता महावीर कुमार सरावगी नैनवा

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