40 पाठ की श्रृंखला में श्री महावीर चालीसा के 29 वें पाठ का हुआ आयोजन

0
8

अहिंसा द्वारा ही किया जा सकता ह्रै हृदय परिवर्तन- दीपक जैन
यमुनानगर, 25 मई (डा. आर. के. जैन):
श्री महावीर दिगम्बर जैन मंदिर रैस्ट हाऊस रोड के प्रांगण में श्री महावीर चालीसा की 40 पाठ की श्रृंखला के 29 वें पाठ का आयोजन मंदिर कार्यकारिणी के सौजन्य से किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मंदिर प्रधान अजय जैन ने की तथा संचालन महामंत्री पुनीत गोल्डी जैन ने किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ कलश स्थापित कर किया गया। पं. शील चंद जैन ने संबोधित करते हुये कहा कि अंतिम तीर्थंकर भगवान महावीर प्रगतिशील परंपरा के संस्थापक 24वें तीर्थंकर हुये है, उन्होंने अपनी व्रत संबंधी प्रतिशील क्रांति के द्वारा जैन धर्म को युगानुकूल रूप दिया। उन्होंने बताया कि तीर्थंकरों की यह परंपरा वैज्ञानिक दृष्टि से सत्य का अन्वेषण करने वाली एक प्रमुख परम्परा रही है। महावीर की साधना वीतरागता की साधना थी। इस प्रकार इस युग की तीर्थंकर परम्परा की अंतिम कड़ी भगवान महावीर हैं। भगवान ने जनजीवन को तो उन्नत किया ही, साथ ही उन्होंने साधना का ऐसा मार्ग प्रस्तुत किया जिस मार्ग पर चल कर सभी व्यक्ति सुख व शांति प्राप्त कर सकते है। पवन जैन ने कहा कि भगवान महावीर स्वामी ने साधु के 28 मूल गुणों को स्वीकार किया और साधना द्वारा अपने गुप्त आत्म वैभव को प्रकाशित करने का प्रयास किया। तीर्थंकर महावीर अपने समय के महान तपस्वी ही नहीं थे, बल्कि एक उच्च कोटि के विचारक भी थे। उन्होंने धर्म और दार्शनिक विचारों को साधू जीवन के मुक्ति के साथ नीबद्ध कर क्रियात्मक रूप दिया। दीपक जैन ने कहा कि धर्म सुख का कारण है, जो धारण किया जाये या पालन किया जाये व धर्म है। जिसका कोई स्वभाव न हो पर आचार रूप धर्म केवल चेतन आत्मा में पाया जाता है। वास्तव में धर्म आत्मा को परमात्मा बनाने का मार्ग बताता है। मनुष्य के विचार भी आचार से निर्मित होते है और विचारों से निष्ठा व श्रद्धा उत्पन्न होती है। उन्होंने आगे बताया कि सम्यग्दर्शन के अभाव में न तो ज्ञान ही सम्यक होता है और न चरित्र ही। लज्जा मानव जीवन का आभूषण हैए लज्जाशील जीवन स्वाभीमान की रक्षा हेतु अपयश के भय से कभी कदाचार में प्रवृत नहीं होती है, यही भगवान महावीर का संदेश रहा है। भगवान महावीर का मुख्य संदेश अहिंसा रहा है, क्योंकि अहिंसा द्वारा ही हृदय परिवर्तन सम्भव है, यह मारने का नहीं सुधारने का सिद्धांत है। अपराध एक मानसिक बीमारी है, इसका उपचार प्रेम, स्नेह, सद्भाव के द्वारा किया जा सकता है। इस अवसर पर समाज के गणमान्य व्यक्ति, महिलाएं तथा बच्चे उपस्थित रहे
फोटो नं. 1 व 2 एच.
पाठ करते व आरती करते श्रद्धालु………….(डा. आर. के. जैन)

चैरिटेबल ग्रुप के द्वारा गऊ वंशज सेवा कार्यक्रम का हुआ आयोजन
स्वयं सेवियों ने की गऊ माता की सेवा, गऊशाला पहुँचाया 2 हजार किलो चारा
यमुनानगर, 25 मई (डा. आर. के. जैन):
चैरिटेबल ग्रुप के सौजन्य से गऊ वंशज सेवा कार्यक्रम का आयोजन अम्बाला रोड स्थित गऊशाला के प्रांगण में किया गया, जिसमें लावण्या जैन, हर्षिल जैन व आदि जैन जैन स्टील परिवार के द्वारा गऊशाला में चारा व अन्य खाद्य सामग्री पहुंचाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता पंकज वर्मा ने की तथा संचालन जितेन्द्र सोई ने किया। रवि कुमार ने बताया कि मूक प्राणियों की सेवा को सबसे बड़ी सेवा कहा जाता है, और यह भी माना जाता है कि इन बेजुबानों की सेवा करने से सभी प्रकार के कष्ठ व पीड़ा दूर होती है, क्योंकि मनुष्य अपने दुख-दर्द व जरूरतें कह कर व बता कर पूरी करा लेता है किन्तु बेजुबान पशु अपनी तकलीफ किसी को नहीं बता पाते है। ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि हम अधिक से अधिक सेवा कार्य कर इन प्राणियों की पीड़ा को कम करने का प्रयास करे।  प्रियंकल अग्रवाल ने कहा कि चैरिटेबल ग्रुप के द्वारा गऊ वंशजों की सेवा कार्य निरंतर जारी है, इसी श्रंखला में मूक प्राणी सेवा कार्यक्रम का आयोजन ग्रुप सदस्यों के सहयोग से अम्बाला रोड स्थित गऊशाला प्रांगण में किया गया, जिसमें ग्रुप के सेवादारों ने गऊ वंशजों की सेवा की और पुण्य कमाया। कार्यक्रम में दानी परिवार द्वारा पशुओं के लिए 2 हजार किलो चारे सेवा की गई। अंकुर जैन ने बताया कि पशु-पक्षी प्रकृति का साकार रूप है, इसका अस्तित्व निश्चित रूप से मानव मात्र के लिये शाश्वत, प्रेरत व मंगलमय है, क्यों धर्म के अनुसार मानव मात्र के अतिरिक्त अन्य जीवों पर दया करना भी श्रेष्ठ व आवश्यक कार्य है। गायों के लिये चारा लाने के लिये वाहन की सेवा भी निशुल्क प्रदान की जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि हम सभी को प्रयास करना चाहिए की अपने व अपने परिवार सदस्यों के जन्मदिन, शादी की सालगिरह व अन्य अवसरों पर गायों की सेवा के लिये सहयोग देकर पुण्य के भागीदार बने। इस अवसर पर मुकेश नागपाल, राजीव सूद, अमन भंडारी, के. के. जैन,ऋषभ जैन, भव्य जैन, पुनीत जैन, अंकुर जैन, पारस, अमन सोई, शिवम, अश्विनी, पारस मसान, सुनील गुप्ता आदि ग्रुप सदस्यों ने सहयोग दिया।
फोटो नं. 3 एच.
सेवा कार्य करते ग्रुप सदस्य………..(डा. आर. के. जैन)

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here