जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा के लिए दी सहायता किट्स
यमुनानगर, 25 मार्च (डा. आर. के. जैन):
आर्य समाज बूडिय़ा का 39 वाँ वार्षिक उत्सव दो दिवसीय वेद प्रचार कार्यक्रम से सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में आर्य जगत के उच्च विद्वान आचार्य श्री शिवपूजन शास्त्री भूपेंद्र आर्य, धर्मेन्द्र शास्त्री, सुशील भाटिया, राज किशोर (रिंकू) ने विभिन्न विषयों ईश्वर भक्ति, राष्ट्र भक्ति, गृहस्थ जीवन के विभिन्न विषयों पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान सुधीर शास्त्री ने की तथा संचालन मंत्री आर्य राकेश ग्रोवर ने किया। नवयुवक एवं नवयुवतियों का भी बहुत ही अच्छे ढंग से मार्गदर्शन किया गया। आर्य समाज बूडिय़ा की कार्यकारिणी समिति द्वारा दानी सज्जनों के सहयोग से लगभग 35 जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा के लिए सहायता किट्स भी प्रदान की गई। हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी पांच समाज सेवियों सुशील अग्रवाल, प्रीतम सिंह, महीपाल आर्य, सुरेंद्र मदान, यज्ञ दत्त को आर्य समाज बूडिय़ा के मंच से उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त स्व. जगदीश मदान जगाधरी, सुशील भाटिया चंडीगढ़, श्रवण कुमार बत्रा लुधियाना आदि विभूतियों को विशेष सम्मान दिया गया। कार्यक्रम में बहुत ही अच्छी संख्या में श्रोताओं ने आए हुए विद्वानों के विचारों को सुना और धर्म लाभ उठाया। इस अवसर पर कोषाध्यक्ष अशोक जौली के साथ मिलकर विक्रांत सैनी, शशिकांत सैनी, शिवम, शुभम, मनीष, साहिल, रवि ग्रोवर आदि नवयुवकों ने भी बखूबी अपना कर्तव्य निभा कर आए हुए सभी अतिथियों की सेवा की।
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सम्मानित करते अतिथि व उपस्थित सदस्य…………….(डा. आर. के. जैन)
महारानी अहिल्याबाई होलकर के जीवन चरित्र पर गोष्ठी का आयोजन
अपने शौर्य, विवेक और पराक्रम के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध थी-मिश्रा
यमुनानगर, 25 मार्च (डा. आर. के. जैन):
पंचनद शोध संस्थान यमुनानगर द्वारा महारानी अहिल्याबाई होलकर के जीवन चरित्र पर समाजसेवी एवं राजनीतिज्ञ रोशन लाल कैसे की अध्यक्षता में वर्धा सेंटर मधु कॉलोनी में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में गुरु नानक खालसा कॉलेज के समाजशास्त्र विभाग के अध्यक्ष डा. हेमंत मिश्रा मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। मुख्य वक्ता डा. हेमंत मिश्रा ने महारानी अहिल्याबाई होलकर के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि जब 18 वीं शताब्दी में अधिकतर स्त्रियों का जीवन पर्दा प्रथा, बाल विवाह और सती प्रथा जैसी कुप्रथाओं में जकड़ा हुआ था, तब स्त्रियों की पीड़ा को समझने वाली एक छोटे से गांव की साधारण सी लड़की से समाज सुधारक, कुशल प्रशासक, राजमाता, पुण्यश्लोक होलकर साम्राज्य की रानी बनने तक का सफर करने वाली अहिल्याबाई का जन्म महाराष्ट्र में बीड़ जिले के चौढी गांव में 31 मई सन 1725 हुआ था। उन्होंने कहा कि महारानी अहिल्याबाई ने अपनी बुद्धि, करुणा और न्याय प्रियता, दूरदर्शिता और कुशल प्रशासक से एक मजबूत और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण किया। स्त्री शिक्षा और सशक्तिकरण के लिए भरपूर प्रयास करते हुए सड़कों पुलों और सार्वजनिक भवनों का निर्माण, उद्योगों का प्रसार नृत्य एवं लोकगीत के लिए कार्य किया। उन्होंने 100 से ज्यादा मंदिर 30 से ज्यादा धर्मशालाओं, घाट और कुओं का निर्माण कराया। अपने शौर्य, विवेक और पराक्रम से अपना नाम कुछ उन महिला शासकों में दर्ज कराया जो सुशासन करने के साथ-साथ दुनिया में प्रसिद्ध थी। गोष्ठी के अध्यक्ष रोशन लाल कैंसे ने अपने अध्यक्षीय भाषण में कहा कि राजमाता अहिल्याबाई होलकर का चरित्र और शासन कल्याण, राष्ट्रभक्ति, शिक्षा और अच्छी सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को प्रदान करने में उनका जीवन हमें याद दिलाता है कि सच्चा नेतृत्व केवल सत्ता पर काबिज होने के बारे में नहीं है, बल्कि सबसे कमजोर लोगों की रक्षा और उत्थान के बारे में उनको याद करके हम अधिक समता पूर्ण, समरस सहिष्णु और समृद्ध समाज के निर्माण में योगदान दे सकते हैं। उनका योगदान न केवल राजनीतिक और प्रशासनिक था, बल्कि सांस्कृतिक, सामाजिक और धार्मिक दृष्टिकोण से भी अनमोल था। इस अवसर पर संस्थान के अध्यक्ष सुरेश पाल, मॉडल संस्कृति स्कूल बिलासपुर के प्राचार्य अजय धीमान, सरस्वती नगर के कार्यवाहक खंड शिक्षा अधिकारी पीरथी सैनी, सेवानिवृत प्राचार्य सतीश शर्मा, रामपाल, श्याम कुमार शास्त्री, सुखचैन, कृष्ण सैनी, डा. राजेश भारद्वाज, अध्यापक करण सिंह, विक्रम सिंह व अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
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गोष्ठी में भाग लेते संस्थान के पदाधिकारी व सदस्य………….(डा. आर. के. जैन)
9 नं. वार्ड में बिजली के तार बन रहे है हादसों का कारण
विभाग व पार्षद को सूचित करने पर मिलता है सिर्फ आश्वासन
यमुनानगर, 25 मार्च (डा. आर. के. जैन):
बहुधा देखा जाता है कि जब किसी क्षेत्र में कोई हादसा विभाग की लापरवाही के कारण होता है तो सभी पूरी मुस्तैदी से उसे ठीक करने में जुट जाते है किन्तु जब शहरवासी हादसा होने से पहले विभागों को सूचित करते है तब कोई भी अधिकारी व कर्मचारी इस ओर कोई ध्यान नहीं देता है। विभागों की उदासीनता को देख कर लगता है कि विभाग के अधिकारियों को शहरवासियों की कोई परवाह नहीं है। ऐसा ही कुछ हाल शहर की पॉश कालोनियों में से एक शास्त्री कालोनी का भी देखने में आ रहा है। क्षेत्र में सुविधाओं का टोटा है और कालोनीवासी कई प्रकार की समस्याओं का सामना कर रहे है। कालोनी में बिजली के हर खम्बे पर तारों का जाल सा उलझा हुआ है,जिसके कारण हर समय हादसा होने का खतरा बना रहता है। क्षेत्र में विभाग द्वारा लगाए गये बिजली के खम्बों पर जो तारे डाली गई है, उन्हें पूरी तरह से कसा नहीं गया है, और हर खम्बे पर उसकी क्षमता से अधिक वजन के तार डाले गये है। तारों का वजन अधिक होने के कारण तार खम्बे से काफी नीचे तक लटके रहते है, और हादसों को न्योता दे रहे है। कॉलोनी वासियों ने बताया कि स्ट्रीट लाइट के साथ बिजली के खम्बों पर लटकते तारों के क्षेत्र में रहना मुश्किल हो रहा है। उन्होंने बताया कि क्षेत्र में बिजली विभाग की लापरवाही के कारण भी लोग खौफ में जीवन व्यतीत कर रहे है। पिछले कुछ समय पहले भी विभाग की लापरवाही के कारण क्षेत्र में हादसा हुआ था और एक युवक बिजली के तारों की चपेट में आकर झुलस गया था। विभागों को इन समस्याओं के बारे में कई बार सूचित किया गया है, परंतु कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। पार्षद को सूचित करने पर भी सिर्फ आश्वासन ही मिलता है, समस्या का समाधान नहीं। बिजली विभाग के एस. डी. ओ. ने बताया कि उन्हनें अभी हाल ही में पद संभाला है, और इस बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करने के बाद ही इसका समाधान किया जायेगा।
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बिजली के खम्बों पर फैला तारों का जाल…………….(डा. आर. के. जैन)