130 वर्ष पुराने जैन मंदिर का धार्मिक दृष्टि से किया जा रहा है नवीनीकरण

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वर्ष 2020 में आरम्भ हुआ था कार्य, लगभग 90 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है कार्य
यमुनानगर, 20 अप्रैल (डा. आर. के. जैन):
श्री महावीर दिगम्बर जैन मंदिर रैस्ट हाऊस रोड का निर्माण लगभग 130 वर्ष पूर्व किया गया था और तभी से यह मंदिर श्रद्धालुओं के लिये भक्ति व श्रद्धा का केन्द्र बना हुआ है। यह मंदिर शहर के केन्द्र बिन्दु पर स्थित है और यमुना नदी के किनारे पर निर्माण कराया गया है। मंदिर प्रधान अजय जैन ने बताया कि मंदिर की निर्माण शैली अति प्राचीन है और मंदिर भवन में आने वाले साधु संतों द्वारा बताये जाने पर यह महसूस किया गया कि मंदिर के निर्माण में कुछ वास्तु दोष है। मंदिर का भवन अति विशाल तथा दृष्टि नंदन है। मंदिर की कार्यकारिणी के पदाधिकारियों तथा सदस्यों ने इन सब को दूर करके कुछ आधुनिक ढंग से कार्य करने का निर्णय लिया। इसके लिये जन साधारण सभाएं की गई और सभी के सुझाव लेकर निर्णय लिया गया कि बुजुर्गों की सुविधा के लिये और युवा वर्ग की आवश्यकता को देखते हुये निर्माण एवं सौंदर्यीकरण किया जाये, और संकल्प लेकर इस बात की बीड़ा उठाया गया कि यह कार्य जल्द से जल्द आरम्भ कर पूर्ण किया जाये। संरक्षक गिरीराज स्वरूप जैन ने बताया कि इसके लिये प्रसिद्ध आर्चीटैक्ट एवं कानूनी सलाहकारों से चर्चा कर कार्य को आगे बढ़ाया गया और मंदिर में किये जाने वाले कार्यों के लिये टीमों का गठन किया गया और कार्य का शुभारम्भ दिसम्बर 2020 में किया गया। महामंत्री पुनीत जैन व उपप्रधान मुकेश जैन ने बताया कि सभी कार्यों को करवाने के लिये विशेषज्ञों से संबंध स्थापित कर योजना के अनुसार कार्य किया जा रहा है। मंदिर जी में हो रहे जिर्णोद्धार के कार्य में भिविन्न प्रकार के कार्य किये गये है, जिनमें मुख्य रूप से हॉल की सीढिय़ों पर स्टील की रैलिंग व ग्रेनाईट पत्थल लगवाना, नया बाथरूम व शौचालय का निर्माण कराना, मंदिर जी के मुख्य द्वार को वास्तु के अनुसार नया बनवाना, मंदिर जी के 80 फुट के फ्रंट पर टाईल लगवाना, मुख्य द्वारा का निर्माण सागवान की लकड़ी से करवाना, पानी की सुविधा के लिए कुआं में ऑटोमैटिक मशीन लगवाना, जिणवाणी पुस्तक का रख-रखाव का प्रबंध कराना, मुख्य बेदी में 64 चवांर व नया दानपात्र लगवाना, फाल्स सीलिंग पर नई लाईटें व झूमर लगवाना, प्रवेश द्वार के हॉल में भगवान के पांच कल्याणक एवं उनके पूर्व जन्म से संबंधित पेटिंग कराना, मुनि सुव्रतनाथ जी की नई वेदी व अन्य प्रतिमाओं की स्थापना की गई, पुरानी वेदी का सौंदर्यकरण किया जा रहा है, आदि कार्य किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि मंदिर में आने वाले बुजुर्गों की सुविधा के लिये मंदिर में 6 व्यक्तियों की क्षमता वाली लिफ्ट लगवाई गई है। इसके साथ ही जैन एकता को सुदृढ़ करने के लिये परिवार निर्देशिका भी बनवाई गई है। इस कार्य को करने के लिये समाज के सभी परिवारों द्वारा तन-मन के साथ आर्थिक सहयोग दिया जा रहा है।
फोटो नं. 1 व 2 एच.
सुधारीकरण व सौंदर्यीकरण के बाद तैयार की गई नई वेदियां……….(डा. आर. के. जैन)

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