11 सितंबर बुधवार 2024
पयुषण पर्व के चौथे रोज उत्तम सोच धर्म शांति वीर धर्म स्थल पर जैन मुनि श्रुतेश सागरजी महाराज ने
बताया प्रत्येक मनुष्य लोभ करता है जन्म से मरण तक यह चलता ही रहता है अपने जीवन में संतोष करने पर भी हम जीवन को सही मार्ग पर ला सकते हैं लोभ त्यागने पर उत्तम शोच धर्म है डॉक्टर शरीर की बीमारी का इलाज करते हैं तभी रोग ठीक होता है उसी प्रकार मुनि आत्मा के सबसे बड़े डॉक्टर होते हैं आत्मा में धर्म का पाठ पढ़ाकर सही मार्ग दिखलाते हैं लोभ
सबसे बड़ा पाप बताएं मुनि ने परिग्रह त्यागने पर जीव का कल्याण होगा जरूरत से ज्यादा वस्तुओं का संग्रह करना मुनि ने पाप बताया आज का मनुष्य भ्रम में जी रहा है मनुष्य के शरीर में नौ द्वारा हैं यह बहुत ही गंदे हैं रोज साबुन से स्नान करने पर भी करने पर भी आत्मा साफ नहीं होती आत्मा को साफ करने के लिए उसे धर्म मार्ग पर जुड़ना ही होगा तब ही जीव का कल्याण होना मुनि ने बताया
पुष्पदंत भगवान का निर्माण लड्डू चढ़ाने का सौभाग्य महेंद्र कुमार जी रवि कुमार की ढग ने सौभाग्य प्राप्त किया
आत्मा की निर्मलता रखना लोभ का त्याग करना है
क्षुल्लक सुप्रकाश सागर जी महाराज ने बताया
प्रत्येक जीव में लाभ है लोभ के कारण ही मनुष्य पाप करता है लोभ को पाप बताए
मुनि ने उदाहरण देकर बताया कि एक गाय के सामने चारे घासऔर नोटों का बंडल डाल दो गाय केवल चारा ग्रहण करती है नोटों को नहीं जबकि मनुष्य नोट के पीछे दौड़ रहा है हर जीव को लोभ है
किसी को सुंदरता का किसी को सुंदर शरीर का किसी को कपड़े का किसी को धन का किसी को स्त्री का किसी को गहनों का लोभ के कारण मनुष्य संसार के अंदर पाप कर रहा है
मनुष्य को मान कसाई परिणाम खत्म करने के लिए इसे त्यागना होगा त्याग ने से परिणाम अच्छे निकलेंगे अपने नाम के लिए धर्म की क्रिया करता है लेकिन बड़े-बड़े होर्डिंग पर बड़े-बड़े पोस्टरो पर मनुष्य अपना नाम लिखा रहा है केवल नाम के लिए धर्म किया जा रहा है ऐसा मुनि ने बताया
खंडेलवाल सरावगी महिला मंडल की अध्यक्ष वर्षा शाह द्वारा शांति वीर धर्म स्थल पर रात्रि को 730 पर सम्मेद शिखर तीर्थ क्षेत्र की 24 भगवान के पहाड़ों के टौको की वंदना कराई
समाज के संपूर्ण लोगों ने बहुत सराहना की सम्मान में जोरदार तालियां की गड़गड़ाहट की
दिगंबर जैन समाज प्रवक्ता महावीर सरावगी
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