साइबर ठगी का बढ़ता दायरा,सज्जनों पर संकट।

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आधुनिक संचार क्रांति के युग में मोबाइल एवं इंटरनेट जितने लाभदायक हैं उससे ज्यादा हानिकारक भी हैं। मोबाइल एवं इंटरनेट के माध्यम से भारत ही नहीं दुनिया में आए दिन साइबर ठगी की घटनाएं सुनने में आ रही है साइबर अपराध करने वालों की गैंग जानबूझकर ऐसे समय संबंधित को निशाना बनाते हैं जब वह विचार ही नहीं कर पाता और उनके द्वारा जितनी राशि की मांग की जाती है तत्काल उनके खाते में डाल देते हैं। इसके बाद पछतावा ही हाथ रहता है। मैं साइबर ठगी की कुछ घटनाओं का यहां पर उल्लेख करना चाहूंगा गुना जिले में श्री द्वारका प्रसाद शर्मा महिला बाल विकास विभाग में लिपिक हैं, इनको अपरिचित मोबाइल से फोन आया और मोबाइल नंबर का केवाईसी करने की बात कही ओटीपी पूछा और बैंक खाते से ₹16000 निकल लिये ।श्री बलवीर सिंह गुर्जर निवासी साडा कॉलोनी राघौगढ़ सेवानिवृत्त गुना तहसीलदार रीडर इनके पंजाब नेशनल बैंक शाखा साडा कॉलोनी राघौगढ़ के खाते में किसी ने ₹1 जमा किया उन्होंने जैसे ही मोबाइल खोलकर बैंक अकाउंट देखा उनके बैंक खाते से पहली बार रुपए 9970, दूसरे बार 9999 कट गए
 उन्होंने तत्काल बैंक शाखा में जाकर अपना खाता ब्लॉक कराया। रुठियाई तहसील राघौगढ़ निवासी रविंद्र सिंह परिहार के पास फोन आया और बताया कि आपका बेटा पुलिस थाने में बैठा है उन्होंने कहा कि मेरा बेटा तो नौकरी पर है उधर से कहा आपका बेटा एक लड़की के साथ होटल में अनैतिक  कार्य करते हुए पकड़ा गया है। अपने बेटे को बचाना है तो तत्काल तीन लाख रुपए खाते में डालो। उन्होंने अपनी पत्नी से कहा बेटे को फोन लगाओ। उन्होंने बेटे से पूछा कहां हो बेटे कहा कि मैं तो ऑफिस में हूं फिर उन्होंने जिनका फोन आया था बेटा का फोन कनेक्ट कर  बात करवायी।बेटे ने उनसे भला बुरा कहा तब फोन काट दिया।एक सेवानिवृत अधिकारी जिनकी लड़की इंदौर में पढ़ती है घटना चार माह पुरानी है उनके पास फोन आया आपकी बेटी थाने में बैठी है अनैतिक स्थिति में होटल में पकड़ी है उन्होंने दूसरे नंबर से बेटी को फोन लगाया बेटी कॉलेज में थी फोन बंद था इस कारण बात नहीं हो सकी। जिनका फोन आया था उन्होंने कहा अपनी बेटी को बचाना चाहते हो तो तत्काल ₹6 लाख रुपए खाते में डालो घबराहट में उन्होंने तीन लाख रुपये खाते में भेज दिये ।फिर लड़की का फोन आया कि पापा जी फोन क्यों किया। तब उन्होंने सारी घटना बतायी। उनके साथ साइबर ठगी हो गई ।मैं स्वयं भी साइबर ठगी से होते-होते बचा फोन आया मेरे से कहा कि आपके मोबाइल नंबर की केवाईसी होना है मैंने उनसे कहा मेरा नंबर तो एयरटेल का है अब बी एस एन एल में केवाईसी क्यों हो रही है तो उधर से जवाब आया आपकी सिम पुरानी है पहले बी एस एन एल  की थी ।इसलिए आपको  24 घंटे के अंदर केवाईसी करना आवश्यक है अन्यथा सिम बंद हो जाएगी ।मैंने उनसे पूछा कि मुझे क्या करना है उन्होंने कहा कि हम आपको एक प्रोफार्मा भेज रहे हैं उसमें हम जो जानकारी पूछे उनका आप मोबाइल चालू रखकर हमें जवाब देते जाएं। मैंने उनके कुछ प्रश्नों के उत्तर दिए थोड़ी देर बाद मेरी पौत्री 14 वर्षीय तन्वी जैन मेरे पास आई और बोली दादाजी मुझे ऐसा लग रहा है आप साइबर ठगी के शिकार होने वाले हैं। आप तत्काल इस नंबर को काट दें और इस नंबर को ब्लॉक कर दें। इस प्रकार में साइबर ठगी से बच पाया । साइबर ठगी की ही यह घटना मेरे मित्र श्री राघवेंद्र सिंह परिहार सेवानिवृत्ति कृषि अधिकारी राघौगढ़  ने मुझे बताया मैं ऑनलाइन दवाइयां मंगाता था। उनके लिए अपरिचित नंबर से फोन आया और कहा कि आप जिस कंपनी से दवाइयां ऑनलाइन मांगते हैं उस कंपनी ने ड्रा निकाला है ड्रा में आपके नाम कार निकली है आपको बधाईयां।परिहार जी ने उनसे पूछा मुझे क्या करना है उन्होंने कहा कार तो हम आपके लिए कोलकाता में डिलीवरी दे देंगे या फिर आप कहेंगे तो आपके निवास पर पहुंचा देंगे। आपको मात्र इतना करना है आप रजिस्ट्रेशन के पैसे हमारे खाते में डाल दो ।उन्होंने कहा मेरा भतीजा कोलकाता में ही सर्विस में है वह आपसे मिलेगा कहां मिलना है पता आप मुझे भेजिए दूसरी ओर से पता नहीं आया और वह साइबर ठगी से बच गये। पिछले माह एसिया के बड़े उद्योग पति ओसवाल ग्रुप लुधियाना के मालिक की भारत की संभवतः अभी तक की सबसे बड़ी सायवर ठगी हुई। यह ठगी साढ़े सात करोड़ रुपये की थी। इस सायवर ठगी का समाचार देश के अनेक समाचार पत्रों में प्रमुखता से प्रकाशित हुआ। वर्तमान में साइबर ठगी की घटनाओं में निरंतर वृद्धि हो रही है आम भोले भाले नागरिक उनके जाल में फंसकर अपना नुकसान कर रहे हैं। मोबाइल एवं इंटरनेट का उपयोग करते समय हर व्यक्ति की जागरूकता आवश्यक है के वाई सी के झांसे में ना आए ओटीपी ना भेजें।
नोट:- लेखक वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार एवं भारतीय
जैन मिलन के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं।

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