(बहुउपयोगी द्रव्य ) मुलेठी —-गुणों की भंडार—–विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल

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मुलेठी एक गुणकारी जड़ी बूटी है। आमतौर पर लोग इसका इस्तेमाल सर्दी-जुकाम या खांसी में आराम पाने के लिए करते हैं। गले की खराश में इसका उपयोग करना सबसे ज्यादा असरदार होता है। हालांकि मुलेठी के फायदे सिर्फ इतने ही नहीं हैं बल्कि इसका मुख्य इस्तेमाल आयुर्वेदिक दवाइयां बनाने में किया जाता है।
मुलेठी एक झाड़ीनुमा पौधा होता है। आमतौर पर इसी पौधे के तने को छाल सहित सुखाकर उसका उपयोग किया जाता है। इसके तने में कई औषधीय गुण होते हैं। इसका स्वाद मीठा होता है। यह दांतों, मसूड़ों और गले के लिए बहुत फायदेमंद है। इसी वजह से आज के समय में कई टूथपेस्ट में मुलेठी का इस्तेमाल किया जाता है।
मुलेठी का वानस्पतिक नाम। ग्लिह्राइझा ग्लॅब्रा ,कुल का नाम :फैबेसी है
इंग्लिश में —:लिकोरिस रूट
संस्कृत में : यष्टीमधु, यष्टीमधुक, मधुयष्टि, जलयष्टि, क्लीतिका, मधुक, स्थल्यष्टी
हिंदी में : मुलहठी, मलेटी, मुलेठी, मीठी लकड़ी, जेठीमधु
कर्ष मधुक चूर्णस्यघृतक्षौद्र समनिवतम .पयोनुपानं यो लिहरदननित्यत्वेघ सा न भवेत् .(च चि २ )
ग्लाइसीर्रिज़िन
लीकोरिस, जिसे मुलेठी, मीठी लकड़ी और मीठी जड़ के रूप में भी जाना जाता है, का उपयोग खांसी के उपचार और अस्थमा के उपचार के रूप में किया गया है। सक्रिय संघटक ग्लाइसीर्रिज़िन है, जिसे ग्लाइसीराइज़िक एसिड भी कहा जाता है
मुलेठी के फायदे
औषधीय दृष्टि से देखें तो मुलेठी कई रोगों में लाभकारी है। यह वात और पित्त दोष को कम करती है। शरीर के बाहरी हिस्सों की बात करें तो यह त्वचा रोगों और बालों के लिए फायदेमंद हैं। मुलेठी के प्रयोग से खून साफ़ होता है, बाल बढ़ते हैं और बुद्धि तेज होती है। इसके अलावा भी मुलेठी के फायदे कई हैं
सिरदर्द से आराम
अगर आप अक्सर सिरदर्द से परेशान रहते हैं तो मुलेठी आपके लिए बहुत काम की चीज है। मुलेठी चूर्ण या मुलेठी पाउडर के एक भाग में इसका चौथाई भाग कलिहारी चूर्ण और थोड़ा सा सरसों का तेल मिलाएं। इसे सूंघने से सिरदर्द से आराम मिलता है।
बाल बढ़ाने में
मुलेठी का उपयोग बालों को सही पोषण देने और बढ़ाने में भी किया जाता है। मुलेठी के क्वाथ से बालों को धोने से बालों तेजी से बढ़ते हैं। इसी तरह मुलेठी और तिल को भैंस के दूध में पीसकर सिर पर लेप लगाने से बालों का झड़ना बंद हो जाता है।
माइग्रेन के दर्द
माइग्रेन के दर्द से परेशान रहते हैं तो आपको मुलेठी का उपयोग करना चाहिये। मुलेठी चूर्ण या मुलेठी पाउडर में शहद मिलाकर इसे नेजल ड्राप की तरह नाक में डालें। इससे माइग्रेन के दर्द से आराम मिलता है।
बालों के सफ़ेद होने से रोकथाम
बाल सफ़ेद होना एक आम समस्या है और आज कल ज्यादातर लोग बाल समय से पहले सफ़ेद होने से परेशान रहते हैं। मुलेठी के उपयोग से आप बालों को झड़ने और सफ़ेद होने से रोक सकते हैं। इसके लिए 50ग्राम मुलेठी कल्क, 750 मिली आंवला स्वरस और 750 मिली तिल के तेल को मिलाकर पाक बना लें। नियमित रूप से इस तेल पाक की 1-2 बूँद नाक में डालने से असमय बाल सफ़ेद नहीं होते और बालों का झड़ना भी कम होता है।
आंखों के रोगों में
आंखों में जलन या आंखों से जुड़ा कोई रोग होने पर भी मुलेठी का इस्तेमाल करने से फायदा पहुँचता है। इसके लिए मुलेठी के काढ़ा से आंखों को धोएं। इसके अलावा मुलेठी चूर्ण या मुलेठी पाउडर में बराबर मात्रा में सौंफ का चूर्ण मिलाएं । इस चूर्ण को सुबह शाम खाने से आंखों की जलन कम होती है और आंखों की रोशनी बढ़ती है।
कंजक्टीवाइटिस या आंख आना
मुलेठी का औषधीय गुण ) आँख आने पर उसके दर्द, जलन जैसे लक्षणों से आराम दिलाने में बहुत सहायता करती है
मुलेठी को पानी में पीसकर, उसमें रूई का फाहा भिगोकर आंखों पर बाँधने से आंखों की लालिमा कम होती है।
तिमिर या आंखों में सफ़ेद धब्बे की रोकथाम
मुलेठी और आंवले को पीसकर पानी में मिलाकर या उसके काढ़े से नहाने से या आंखों को धोने से पित्त कम होता है और आंखों के सफ़ेद धब्बों में भी मुलेठी से लाभ होता है
पित्त से होने वाले कान के रोग
मुलेठी और द्राक्षा से पकाए हुए दूध को कान में डालने से पित्त के कारण होने वाले कान के रोग में लाभ होता है। मुलेठी के औषधीय गुण कान के बीमारियों में बहुत फायदेमंद होते हैं।
नाक के रोगों से आराम
3-3 ग्राम मुलेठी और शुण्ठी में छह छोटी इलायची और 25 ग्राम मिश्री मिलाकर इसका काढ़ा बनाएं। इस काढ़े की 1-2 बूँद नाक में डालने से नाक के रोग ठीक होते हैं।
मुंह के छालों से आराम
मुँह के छालों से परेशान रहते हैं तो मुलेठी के औषधीय गुणों का फायदा)क्यों नहीं उठाते हैं। अगर मुंह में छाले हो गए हैं तो मुलेठी के कुछ टुकड़े लें और उसमें शहद मिलाकर चूसें। इससे छाले जल्दी ठीक होते हैं।
गला बैठने के इलाज में लाभदायक
कभी कभी गले में संक्रमण की वजह से गला बैठ जाता है और ऐसी हालत में आवाज भारी हो जाती है या आवाज नहीं निकलती है। मुलेठी को मुंह में लेकर चूसते रहने से गला बैठने की समस्या में आराम मिलता है। मुलेठी चूसने से गले के कई अन्य रोगों में भी जल्दी फायदामिलता है।
खांसी या सूखी खांसी में
मुलेठी मुंह में रखकर देर तक चूसते रहने से खांसी से आराम मिलता है। अगर आपको सूखी खांसी है तो एक चम्मच मुलेठी को शहद के साथ मिलाकर दिन में 2-3 बार चाटकर खाएं। इसी तरह मुलेठी का काढ़ा बनाकर 20-25 मिली मात्रा का सुबह और शाम को सेवन करने से मुलेठी का पूरा फायदा मिलता है
हिचकी से आराम
अगर आपको हिचकी आ रही है और बंद होने का नाम नहीं ले रही है। ऐसे में मुलेठी को कुछ देर मुंह में रखकर चूसें। मुलेठी चूसने से थोड़ी ही देर में हिचकी आना बंद हो जाता है।
सांसो से जुड़े रोगों में
मुलेठी का काढ़ा बनाकर 10-15 मिली मात्रा में पीन से सांस से जुड़े रोग ठीक होते हैं।
दिल से जुड़ी बीमारियों में
3-5 ग्राम मुलेठी और इतनी ही मात्रा में कुटकी चूर्ण मिलाएं। इस मिश्रण को 15-20 ग्राम मिश्री मिले हुए पानी के साथ रोजाना पियें। इसके सेवन से दिल से जुड़ी बीमारियों में राहत मिलती है। पित्त दोष से होने वाले ह्रदय रोगों के लिए गंभारी, मुलेठी, शहद, शक्कर और कूट को मिलकार चूर्ण बना लें और इस चूर्ण से उल्टी करवाएं।
पेट के अल्सर में
पेट का अल्सर एक गंभीर समस्या है और इसका इलाज कराना बहुत ज़रुरी है। मुलेठी को घरेलू उपायों के रुप में इस्तेमाल करके भी आप पेट के अल्सर को ठीक कर सकते हैं। इसके लिए एक चम्मच मुलेठी चूर्ण या मुलेठी पाउडर को एक कप दूध के साथ दिन में 3 बार सेवन करें। पेट में अल्सर होने पर मिर्च मसालों और तीखी चीजों से परहेज करें।
पेट दर्द से आराम
गलत खानपान या खायी हुई चीज ठीक से ना पचने के कारण पेट में ऐंठन और दर्द होने लगता है। इससे आराम पाने के लिए एक चम्मच मुलेठी चूर्ण या मुलेठी पाउडर में शहद मिलाकर दिन में तीन बार सेवन करें। इससे पेट और आंतों की ऐंठन एवं दर्द से राहत मिलती है।
पेट फूलने की समस्या
पेट फूलना आज कल के लोगों की एक आम समस्या है। खाया हुआ भोजन ठीक से ना पचने के कारण या शारीरिक व्यायाम ना करने की वजह से पेट फूलने की समस्या होती है। इससे आराम पाने के लिए 2-5 ग्राम मुलेठी चूर्ण या मुलेठी पाउडर को पानी और मिश्री के साथ मिलाकर खाएं।
उल्टी में खून आना रोकती है
अगर उल्टी करते समय उसमें खून निकल रहा है तो मुलेठी का सेवन करें। मुलेठी और रक्त चन्दन चूर्ण दोनों की 1-2 ग्राम मात्रा को दूध में पीसकर, इसमें 50 मिली दूध मिलाएं। इसकी थोड़ी थोड़ी मात्रा पीने से उल्टी में खून आना बंद होने लगता है।
खून की कमी में
अगर शरीर में खून की कमी होने पर मुलेठी का सेवन करना बहुत फायदेमंद रहता है। इसके लिए एक चम्मच मुलेठी चूर्ण या मुलेठी पाउडर को शहद के साथ मिलाकर खाएं या 10-20 मिली मुलेठी काढ़े में शहद मिलाकर पियें।
मूत्र में जलन से रोकथाम
अगर आपको पेशाब करते समय जलन हो रही है तो एक चम्मच मुलेठी चूर्ण को एक कप दूध के साथ सेवन करें। इससे पेशाब में होने वाली जलन कम हो जाती है।
यूरिनरी रिटेंशन से बचाव (
मुलेठी, दारुहल्दी और एर्वारुबीज के चूर्ण की बराबर मात्रा को मिलाकर दिन में तीन बार तण्डुलोदक के साथ मिलाकर पिएं। इसके सेवन से यूरिनरी रिटेंशन की समस्या में आराम मिलता है।
स्तनों में दूध बढ़ाने में
प्रसव के बाद बच्चों के लिए मां का दूध सबसे ज्यादा फायदेमंद रहता है। कुछ महिलाओं में स्तनपान के दौरान दूध कम बनता है। ऐसी महिलाओं को मुलेठी का सेवन करना चाहिए। मुलेठी स्तनों में दूध बढ़ाने में मदद करती है।
इसके लिए 2 चम्मच मुलेठी चूर्ण और 3 चम्मच शतावर चूर्ण को एक कप दूध में उबालें। जब उबलता हुए दूध पककर आधा हो जाए तो इसे आंच से उतार लें। इसमें से आधा सुबह और बाकी आधा शाम को एक कप दूध में मिलाकर पियें। इसके अलावा 100 मिली दूध में 2-4 ग्राम मुलेठी और 5-10 ग्राम मिश्री मिलाकर मां को रोजाना सुबह शाम पिलाने से स्तनों में दूध ज्यादा बनता है।
अधिक रक्तस्राव से आराम
अगर माहवारी के दिनों में बहुत ज्यादा खून निकल रहा है तो ऐसे में मुलेठी के सेवन से ब्लीडिंग को कम किया जा सकता है। इसके लिए 1-2 ग्राम मुलेठी चूर्ण में 5-10 ग्राम मिश्री मिलाकर चावल के धोवन (तण्डुलोदक) के साथ पीसकर पियें।
घाव या अल्सर के दर्द से आराम
किसी चीज से चोट लग जाने पर या अल्सर के दर्द से जल्दी राहत पाने के लिए मुलेठी का सेवन करना चाहिए। मुलेठी चूर्ण को घी में मिलाकर थोडा गर्म करके घाव या अल्सर वाली जगह पर लगाने से दर्द से जल्दी आराम मिलता है। इसी तरह फोड़ों पर मुलेठी का लेप लगाने से वे जल्दी पककर फूट जाते हैं।
शरीर की कमजोरी दूर करने में
अगर आप बहुत कमजोरी महसूस कर रहे हैं तो मुलेठी का सेवन करें। एक चम्मच मुलेठी चूर्ण में आधा चम्मच शहद और एक चम्मच घी मिलाकर एक कप दूध के साथ सुबह शाम रोजाना 5-6 हफ़्तों तक सेवन करें। इसका सेवन करने से शरीर में बल बढ़ता है।
शरीर की दुर्गंध दूर करने में सहायक
अगर आपके शरीर से पसीने की तेज दुर्गंध आती है तो मुलेठी की मदद से आप इस दुर्गंध से छुटकारा पा सकते हैं। इसके लिए मुलेठी को पीसकर शरीर में लगाएं। ऐसा करने से पसीने की बदबू दूर हो जाती है।
मिरगी रोग में फायदेमंद
मुलेठी के एक चम्मच महीन चूर्ण को घी में मिलाकर दिन में 3 बार सेवन करने से मिरगी में लाभ होता है। इसके अलावा 5 ग्राम मुलेठी को पेठे के रस में महीन पीसकर 3 दिन तक खाने से मिरगी में आराम मिलता है।
सेक्स क्षमता बढ़ाने में
मुलेठी में कामोत्तेजक गुण पाए जाते हैं। जिन लोगों की सेक्स की इच्छा में कमी होती है उन्हें इसका सेवन करना चाहिए। इसके लिए 2-4 ग्राम मुलेठी चूर्ण में घी और शहद मिलाकर दूध के साथ पीने से कामोत्तेजना और सेक्स क्षमता में बढ़ोतरी होती है।
खुराक
सामान्य तौर पर 3-5 ग्राम मुलेठी चूर्ण के सेवन की सलाह दी जाती है।
योग —यष्यादि चूर्ण ,यष्टादि क्वाथ ,यष्टिमध्वाधय तेल
विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संरक्षक शाकाहार परिषद् A2 /104 पेसिफिक ब्लू ,नियर डी मार्ट, होशंगाबाद रोड, भोपाल 462026 मोबाइल ०९४२५००६७५३

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