उज्जैन लक्ष्मी नगर आदिनाथ दिगंबर जैन मंदिर मे राजस्थान जिला बूंदी नैनवा के भक्तों को दर्शन मात्र से ऐसा आभास हुआ जैसे साक्षात भगवान के दर्शन में प्राप्त हुए ऐसा भक्तों ने जैन गजट संवाददाता महावीर सरावगी नैनवा को बताया
बैरागढ में हुआ पट्टाचार्य विशुद्ध सागर जी से गणिनी आर्यिका विज्ञाश्री माताजी का वात्सल्य मिलन
30 मई शुक्रवार 2025
प. पू. भारत गौरव सहस्रकूट विज्ञातीर्थ प्रणेत्री श्रमणी गणिनी आर्यिका रत्न गुरु माँ विज्ञाश्री माताजी ससंघ का पट्टाचार्य चर्या शिरोमणि विशुद्ध सागर जी महाराज ससंघ से बैरागढ़ में वात्सल्य मिलन हुआ । गुरु शिष्य का मिलन देखकर उपस्थित जनसमूह ने जयकारों की ध्वनि से सम्पूर्ण वातावरण को गुंजायमान कर दिया । माताजी ससंघ ने पट्टाचार्य श्री की चरण वंदना कर भव्य आगवानी की । गाजे बाजे के साथ सभी ने जिनमंदिर में प्रवेश किया । गणाचार्य श्री विरागसागर जी महाराज के चित्र का अनावरण , दीप प्रज्वलन व मंगलाचरण के माध्यम से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ । भोपाल से एवं अन्य स्थानों से आये हुये अतिथियों का स्वागत सम्मान स्थानीय समाज के द्वारा किया गया ।
पूज्य माताजी ने मंगल गुणगान करते हुए कहा – जब भी पहले हम आचार्य श्री से मिलते थे तो गुरु भ्रात के रूप में मिलते थे । पर आज गुरु भ्रात से नहीं गुरु तात से मिलन हुआ है । आज गुरु चरणों की वंदना कर अपार हर्ष हो रहा है । माताजी ने गुरुदेव का गुणगान करते हुए कहा – आज समाज के अक्स और नक्स को बदलने के लिए विशुद्ध सागर जी जैसे शख्स की जरूरत है । जो अपनी देशना से लक्स की तरह धोकर विमलता प्राप्त करा कर विरागी बना दे । तन से गुरुदेव विरागसागर जी भले ही दूर हो गए पर मन से सदैव हमारे पास है । नमोस्तु शासन के शिरोमणि आचार्य विशुद्ध सागर जी में गुरुदेव विराग सागर जी की छवि दृश्यमान होती है । अंत में माताजी ने विशुद्ध भावना भाते हुए कहा कि हम पर सदा आशीष बनाएं रखना और मोक्ष की राह पर बढ़ाते रहना।
गणाचार्य आचार्य विराग सागर जी महाराज भी सदैव भक्तों से हंसमुख बात करते थे उनके दर्शन मात्र करने से भक्त अपने आप को अहो भाग्य समझता था यही गुण आज उनके फंदा देश आचार्य विशुद्ध सागर जी महाराज में देखने को मन अत्यंत प्रसन्न होता है
महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान