जैन धर्म की और जैन कुल की अलग ही पहचान होती है महावीर कुमार जैन सरावगी नैनवा

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संगम कॉलोनी जबलपुर में परम पूज्य गणाचार्य आचार्य विराट सागर जी महाराज के परम शिष्य प्रवचन केसरी विश्रांत सागर महाराज का भव्य मंगल प्रवेश हुआ जगह-जगह पर मुनि का पाद प्रक्षालन कर जय जयकारों के साथ कॉलोनी के जीनालय प्रवेश हुआ मुनि श्री ने अपने मंगल प्रवचन में कहां की बच्चों को जिन दर्शन का नियम जरूर दिलाना चाहिए, जिन दर्शन का नियम लेने से बच्चे अजैन में शादी नहीं करेंगे इससे अपने जैन कुल की रक्षा होगी, दूसरी बात मुनि श्री ने कहा है कि पत्नी को मन से अपने पति के लिए दो टाइम का भोजन प्रेम से करा देना चाहिए, गुस्से में भोजन ना पति को करना चाहिए ना ही पुत्रों को कराना चाहिए क्योंकि गुस्से में कराया गया भोजन विष काम करता है , मुनि ने यह भी बताया की जैन धर्म की पहचान ही इस संसार में सबसे निराली पहचान होती है
इस धर्म और इस जाति के नाम से सभी जगह पर सम्मान सत्कार प्राप्त होता है आज सरकार भी अहिंसा में धर्म को व जैन मुनियों को संपूर्ण सुरक्षा व्यवस्था दे रही है
यह हमारे धर्म एवं जाति कई पुण्य उदय है
महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान

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