मंडीदीप के संत निवास भवन में विराजमान मुनि श्री औद्योगिक नगरी के वार्ड संख्या 5 संत निवास गणाचार्य विराग सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य विश्रांत सागर महाराज ससंग सहित विराजमान है
विश्रांत सागर महाराज ने आज के युवा बच्चों को भारतीय संस्कृति जैन धर्म से जोड़ने पर जोड़ दिया
उन्होंने अपार धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा रामायण महाभारत और श्री मद्भागवत के आदर्शों को अपनाने से बच्चे धर्म सत्य और कर्तव्य को प्राथमिकता देते हैं
इससे परिवार में एकता और समाज में शांति बनी रहती है
उन्होंने कहा माता-पिता को बच्चों को धन की जगह अच्छे संस्कार देना चाहिए उन्होंने बताया कि धन से सुख शांति नहीं मिलती अच्छे संस्कार परिवार को एकजुट रखते हैं यही बच्चे अच्छे संस्कार मिलने पर माता-पिता एवं सास ससुर की अच्छी सेवा कर सकते हैं वह कब जब संस्कार अच्छे मिले हो
युवाओं को आज के भौतिक युग से थोड़ी दूरी बनाकर रहने में बहुत ही ज्यादा लाभ है
आज के युवाओं को धर्म से जुड़ने पर अपनी स्वयं की परिवार की प्रतिष्ठा बनती है
मुनि ने धर्म मार्ग एक फूलों की सेज बताया अधर्म मार्ग कटीले कांटों का जाल बताया
– महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान