जैन मुनि प्रवचन कैसरी विश्रांत सागर महाराज के परम सानिध्य मे
3 अप्रैल 2024 इंदिराना मध्य प्रदेश के छोटे से ग्राम में मुनि का भव्य मंगल प्रवेश हुआ जिनालय में प्रातः शांति धारा जिन अभिषेक आदिनाथ भगवान का जन्म तप कल्याण महोत्सव मनाया इस अवसर पर मुनि द्वारा संकलित पुस्तक श्रवण दीपिका का विमोचन श्रद्धालुओं द्वारा किया गया
मुनि ने बताया की बड़ा धर्म मंदिर बनाना धर्मशाला बनाना यह कार्य कोई भी कर सकता है परंतु जो निस्वार्थ भावनाओं से गरीबों का भला करता है उसका निश्चय कल्याण होता है
सौभाग्यवती होने की पहचान से महिलाएं दूर हो रही है
विश्रांत सागर महाराज धर्म सभा को बताया कि आज के पंचम काल के आधुनिक युग में फैसन के दौर में महिलाओं ने बिना सिंगार के सौभाग्यवती पहचान खो रही है बिना श्रृंगार के सुहागन व बिनसुहागन की पहचान ही समाप्त सी हो गई है महिलाएं पहले अपनी मांग में सिंदूर सजाती थी हांथ व पैरों में मेहंदी रचाती थी गले में मंगलसूत्र पहनती थी पैरों में पायल व बिच्छीया का संघ था इन पहचान से मालूम होता था की सौभाग्यवती महिला है आज के दौर ने सुहागिन और बिनसुहागन की पहचान समाप्त कर दी
मुनि यह भी बताया आज के युग में अपने सुहागिन श्रृंगार की पहचान से अपनी स्वयं की रक्षा होगी बिना श्रृंगार के अपनी स्वयं की पहचान महिलाएं स्वयं को रही है
छोटे से इदिराना ग्राम में पहली बार मुनि के वचनों को सुनने पूरे ग्रामीण की महिलाएं जिनालय में उमड़ी
मुनि के बिहार में पूरे गांव की महिलाएं उनको बिहार करने पहुंची
महावीर कुमार जैन सरावगी जैन गजट संवाददाता नैनवा जिला बूंदी राजस्थान