राजस्थान जैन सभा ने 32 दिन के उपवास करने वाली सुषमा जैन सहित 62 त्यागीव्रती तपस्वियों का किया अभिनन्दन – सकल दिगम्बर जैन समाज के सामूहिक क्षमापना समारोह में उमड़े हजारों श्रृद्धालु
आचार्य सौरभ सागर
भीतर के अंहकार तथा मान का क्षय करना ही क्षमावाणी है,क्षमा वीरों का आभूषण है कायरों का श्रृंगार नहीं है
फागी संवाददाता
जयपुर -01 अक्टूबर -राजस्थान जैन सभा द्वारा सकल दिगम्बर जैन समाज का सामूहिक क्षमापना समारोह आचार्य सौरभ सागर महाराज के पावन सानिध्य में रामलीला मैदान में आयोजित किया गया। उक्त कार्यक्रम में जैन महासभा के प्रतिनिधि राजाबाबू गोधा ने शिरकत करते हुए बताया कि
राजस्थान जैन सभा द्वारा आयोजित इस सामूहिक क्षमापन पर्व एवं अभिनन्दन समारोह में षोडसकारण के 32 दिन के उपवास करने वाली अजमेर रोड निवासी श्रीमती सुषमा जैन तथा दशलक्षण महापर्व में दस दिन के उपवास करने वाले 61 त्यागी व्रती तपस्वियों का जयकारों के बीच अभिनन्दन किया गया । इस मौके पर आचार्य श्री सौरभ सागर महाराज ने अपने मंगलमय उद्बोधन श्रृदालुओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि जैन दर्शन तप, त्याग एवं साधना की पूजा व सम्मान करता है। भारतीय संस्कृति सन्यासियो की पुजारी हैं। आचरण का सम्मान ही असली सम्मान है। दुश्मन को गले लगाना ही क्षमावाणी है। भीतर के अहंकार तथा मान का क्षय ही क्षमावाणी है अपनी ग़लती तथा कमी स्वीकार करने के लिए बहुत बडा कलेजा चाहिए। अतः
क्षमा वीरों का आभूषण है। कायरों का श्रृंगार नहीं है। हम महावीर के वंशज हैं ,अतः गलतियों के लिए क्षमा मांग लेते हैं तथा दूसरों को क्षमा कर देते हैं।क्षमा स्वयं से मांगना शुरू करना चाहिए।
उन्होंने सभी त्यागी व्रती तपस्वियों को उनकी तपस्या,साधना के लिए मंगलमय आशीर्वाद दिया। राजस्थान सभा के अध्यक्ष सुभाष चन्द जैन एवं समारोह के मुख्य समन्वयक अशोक जैन नेता ने बताया कि समारोह की अध्यक्षता दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र श्री महावीर जी के अध्यक्ष सुधांशु -ऋतु कासलीवाल ने की,दीप प्रज्जवलन अशोक -शकुन्तला चांदवाड ने किया। मुख्य अतिथि तुषार -अन्नू सोगानी थे। विशिष्ट अतिथि सुरेश -ललिता सबलावत तथा त्यागी व्रती पुण्यार्जक राजकुमार -रानी टोंग्या थे। जयपुर शहर के उप महापौर पुनीत कर्णावट एवं जिला कलेक्टर जालौर निशान्त जैन गौरवमयी अतिथि थे। इस मौके पर आचार्य श्री को समाजसेवी कुशल ठोलिया, राजेश रावकां, रितेश लुहाड़िया , महावीर सोगानी नेजिनवाणी भेंट की।
सभा की ओर से सुभाष चन्द जैन,अशोक जैन नेता, महेश काला, मुकेश सोगानी, मनीष बैद, विनोद जैन कोटखावदा,भानू छाबड़ा, राकेश छाबड़ा, कमल बाबू जैन , प्रदीप जैन,शैलेन्द्र शाह चीकू, यशकमल अजमेरा,अमर दीवान,अशोक पाटनी,सुभाष बज,आर के जैन रेलवे,राजीव पाटनी,अनिल छाबड़ा,सूर्य प्रकाश छाबड़ा, राकेश गोधा, जिनेन्द्र जैन जीतू,मीना चौधरी,सीमा जैन गाजियाबाद, शकुन्तला पाण्डया, दीपिका जैन कोटखावदा,संगीता सोगानी,रचना बैद , साधना छाबड़ा,निशा जैन,ऊषा दीवान, अर्चना पाटनी आदि ने अतिथियों व त्यागी व्रती तपस्वियों का माल्यार्पण एवं प्रतीक चिन्ह भेंट कर स्वागत एवं सम्मान किया गया अतिथियों ने त्यागी व्रती तपस्वियों को जिनवाणी एवं चांदी की माला भेंट की। राजस्थान जैन सभा के अध्यक्ष सुभाष चन्द जैन ने स्वागत उदबोधन में सन् 1953 से राजस्थान जैन सभा द्वारा सामूहिक क्षमापना समारोह मनाने तथा सभा द्वारा समाज हित में किए गए कार्यों की जानकारी दी। समारोह अध्यक्ष
सुधान्शु जैन, मुख्य अतिथि तुषार सोगानी एवं गौरवमयी अतिथि निशान्त जैन ने अपने उदबोधन में सामाजिक एकता तथा तप साधना की अनुमोदना पर बल दिया।
मंच संचालन राजस्थान जैन सभा के महामंत्री मनीष बैद ने किया,आभार मंत्री विनोद जैन कोटखावदा ने व्यक्त किया।इस मौके पर आचार्य सौरभ सागर महाराज के गृहस्थ जीवन के माता-पिता श्री पाल जैन -श्रीमति चन्द्र प्रभा जैन, धर्मस़रक्षणी महासभा के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष रमेश जैन तिजारिया, तीर्थ जीर्णोद्धार कमेटी के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष धर्म चंद पहाड़िया, बाड़ा पदमपुरा के संरक्षक ज्ञान चंद झांझरी,राजस्थान जैन सभा के पूर्व अध्यक्ष रतन लाल छाबड़ा, रमेश गंगवाल, शाबाश इंडिया के प्रबन्धक प्रकाशक राकेश गोदिका, समाचार जगत के चक्रेश जैन,अनोखी पत्रिका के मनीष वैद, जैन गजट के राजाबाबु गोधा सहित अर्चना शर्मा,संजय बापना, पार्षद पारस जैन, पारस पाटनी ने भी आचार्य श्री से आशीर्वाद प्राप्त किया। कार्यक्रम में जैन समाज की,127वर्ष सबसे पुरानी पत्रिका जैन गजट का भी श्री महावीर जी अतिशय क्षेत्र के अध्यक्ष सुधांन्शु जी कासलीवाल, तीर्थ जीर्णोद्धार कमेटी के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष धर्म चंद पहाड़िया, राजस्थान जैन सभा के अध्यक्ष सुभाष जैन,पूर्व अध्यक्ष कमल बाबू जैन, हंसराज गंगवाल, जैन स्योशल ग्रुप के राष्ट्रीय पदाधिकारी यश कमल अजमेरा,पार्षद पारस पाटनी,मंत्री विनोद जैन कोटखावदा, सहित समाज की विभिन्न संस्थाओं के पदाधिकारियों जैन गजट का विमोचन किया तथा क्षमावाणी विशेषांक का अवलोकन कर भूरी भूरी प्रशंसा की,इसी कड़ी में जयपुर से महावीर की 37 वीं पदयात्रा के पोस्टर का भी विमोचन किया गया।समारोह के समापन पर जैन बन्धुओं द्वारा गत वर्ष की गलतियों के लिए आपस में क्षमा याचना की गई। इस मौके पर समाज की विभिन्न संस्थाओं की ओर से खोपरा मिश्री खिलाकर क्षमायाचना की गई।समारोह के अन्त में समाजबंधुओं का सामूहिक वात्सल्य सहभोज हुआ।