कोलकाता _ पुष्पगिरी प्रेणता आचार्य श्री 108 पुष्पदंत सागर जी मुनिराज के परम शिष्य आचार्य श्री 108 प्रमुख सागर जी मुनिराज संसंघ का मंगल पद विहार कोलकाता के श्री शांतिनाथ दिगम्बर जैन मंदिर काकुडगाछी से आज सुबह करीब 5 बजे अभिषेक शांतिधारा के बाद कोलकाता के चौरंगी जैन मंदिर जी की ओर गाजे बाजे के साथ हुआ
मुनि संघ के पद विहार में वुड स्ट्रीट में पवन जी,सुमित जी सन्नी जी मोदी परिवार ने पुष्पों से ,राजेंद्र जी गंगवाल परिवार,विनोद जी काला,दिनेश -सर्वेश-अखिलेश पाटनी जी परिवार ,पुण्यवर्धिनी परिवार,संपतलाल,राकेश-विकास जी छाबड़ा परिवार ने गुरू चरणों का पाद प्रक्षालन एवं आरती कर अनुपम भक्ति दिखाई
सम्यकतवर्धिनी की महिला मंडल ने मुनि संघ का भव्य स्वागत किया बहार से हुऐ कलाकारो ने भी अपनी अनुपम वेशभूषा एवं नृत्य से मनोरम दृश्य दिखाया
चित्र अनावरण श्री जामुन जी गंगवाल, महेंद्र पाटनी, सुभाष सेठी, सुभाष बड़जात्या,दीपचंद छाबड़ा, अशोक सेठी, भागचंद पहाड़िया, महेंद्र पांड्या,कमल नयन जैन एवं राजकुमार जैन (मंदसौर) ने किया
मंच का संचालन विकास जी छाबड़ा ने एवं मधुर स्वर में अपने भजनों को नीलम छाबड़ा जी ने गाया मंच से श्री राजकुमार जैन परिवार मंदसौर एवं कमल पाटनी जी परिवार डीमापुर का सम्मान किया गया
आदरणीय के सी जैन ने गुरूवर के चरणों में नमोस्तु करते हुए कहा कि यहां बहनों के सम्यकतवर्धिनी संस्था तो हैं अब एक भाइयों के लिए भी संयमवर्धिनी संस्था भी बन जाए जिससे सबका आचरण ऐसा हो कि हम सभी और काफी प्रगति करे एवं ये कोलकाता चतुर्मास हमेशा हमेशा के लिय याद रह जाये
इसके आचार्य श्री ने भी अपने प्रवचन के माध्यम से सबको संबोधित किया कि चौरंगी तो रत्नों का भंडार से भरा है अब रत्नत्रयो का भंडार भी चौरंगी में आ जाए तो कोई आश्चर्य की बात नहीं है गुरुदेव ने आगे कहा कि रत्न तो संसार की व्यवस्था बनाते हैं लेकिन रत्नत्रय संसार से पार जाने की व्यवस्था बनाते हैं आप विचार करना के सिर्फ बड़ी बड़ी बिल्डिंग ही नहीं अपने निर्वाण के लिए ऊंचे ऊंचे विचारों की बिल्डिंग भी बनाना है कभी भी घड़ी लेकर मंदिर जी नहीं जाना चाहिए सिर्फ जिनेन्द्र दर्शन के लिय जाना चाहिए मनुष्य पर्याय बार बार नहीं मिलता अतः अपने इस जीवन में छोटे छोटे नियम लेकर अपना जीवन सफल बनाना चाहिए
मुनिसंघ के जय जयकारो से धर्मसभा खत्म हुई गुरुदेव के आगमन से सभी भक्त प्रसन्नचित दिखाई दे रहे थे