परम पूज्य जिनागम पंथ प्रवर्तक, जीवन है पानी की बूंद’ महाकाव्य के मूल रचयिता राष्ट्रयोगी भावलिंगी संत श्रमणाचार्य श्री विमर्शसागर जी महामुनिराज के विशाल चतुर्विध संघ का दिल्ली चातुर्मास 2024 कृष्णानगर के लिये मंगल बिहार चल रहा है। भावलिंगी संत का प्रथम बार दिल्ली में चातुर्मास होने जा रहा है। उत्कृष्ट चर्या के धनी परम बंदनीय भाचार्य भगवन के चातुर्मास को लेकर सम्पूर्ण दिल्ली सहित कृष्णानगर में विशेष तैयारिया की जा रही हैं। इस बार पूज्य आचार्य भगवन को लेकर सम्पूर्ण दिल्ली में अपूर्व उत्साह देखा जा रहा है। कृपणानगर मंदिर एवं समाज समिति द्वारा आयोजनों को लेकर तैयारियों को लगभग मुख्य रूप दिया जा चुका है।
आचार्य भगवन को मंगल बिहार कल दिनाँक 08/07/24 को हरिनगर से लगभग 7:5km हुआ। अहिंसा, शाकाहार, नशामुक्ति आदि पवित्र उद्देश्यों को लेकर यह जिनागम पंथ प्रभावना यात्रा परम् पूज्य आचार्य श्री विमर्श सागर जी महामुनिराज के मंगल निर्देशन में देश के विभिन्न राज्यों, नगरी महानगरी का परिभ्रमण करते हुये दिल्ली महानगर पहुंची है। हरिनगर से 7.5km मंगल बिहार कर पूज्य जैनाचार्य श्री 08/07/24 को कर्मपुरा जैन मंदिर पहुँचे। चतुर्विध संघ की मंगल अगवानि कर जैन- जेनेतर समाज उमड़ पड़ा। आचार्य श्री के मंगल प्रवचन का आयोजन रखा गया। जिसमें परम् पूज्य भावविंगी संत ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुये कहा कि इस वर्तमान जीवन का काई ठिकाना नहीं है। पानी की बूंद की तरह यह जीवन अणभंगुर है। हमें प्रतिदिन गृहस्थिक कार्यों के साथ-साथ परमात्मा का – स्मरण भी अवश्य करते रहना चाहिये। क्योंकि जो सांसे प्रभु के स्मरण के साथ व्यतीत होती हैं वे सार्थक हो जाया करती हैं। आचार्य भगवन ने कहा कि जीवन की दर्पण की तरह जिमी – जिसमें स्वागत तो सबका हो, पर अर्जन किसी का भी न ही। जीवन की जीते हुये सतत जीवन का लक्ष्य भी हमारे ख्यालों में रहना चाहिये, क्योंकि बिना लक्ष्य के जीवन का कोई औचित्य नहीं है।
सोनल जैन की रिपोर्ट दिल्ली