जब व्यक्ति अवसाद में होता है तो वह अकेला रहना अधिक पसंद करता है। हालांकि, अपने आप को घर के अंदर बंद न करें। सामाजिक संपर्क बनाए रखने की कोशिश करें। अगर आप इसमें सहज महसूस नहीं करते हैं, तो कम से कम कुछ ताजी हवा और धूप लें।
तनाव आज के समय में हर किसी के जीवन का एक अभिन्न अंग बन चुका है। लेकिन जब तनाव बहुत अधिक बढ़ जाता है और व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करने लगता है तो यह अवसाद या डिप्रेशन में तब्दील हो जाता है। इस स्थिति में व्यक्ति को तुरंत चिकित्सीय मदद लेने की सलाह दी जाती है। साथ ही, उसे अपने लाइफस्टाइल में भी बदलाव करने की जरूरत होती है। तो चलिए आज इस लेख में हम आपको कुछ ऐसी चीजों के बारे में बता रहे हैं, जिनसे अवसाद पीड़ित एक व्यक्ति को बचने की कोशिश करनी चाहिए-
शराब के सेवन से बचें
शराब शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर डाल सकती है। इसलिए, शराब को सेवन करने से बचें। खासतौर से, नियमित रूप से या फिर अधिक मात्रा में तो शराब बिल्कुल भी ना पीएं। हालांकि यह आपको कुछ वक्त के लिए बेहतर महसूस करा सकता है, लेकिन यह वास्तव में कोई हल नहीं है। यह आपके अवसाद की स्थिति को बद से बदतर बना सकता है।
खुद को घर के अंदर बंद ना करें
जब व्यक्ति अवसाद में होता है तो वह अकेला रहना अधिक पसंद करता है। हालांकि, अपने आप को घर के अंदर बंद न करें। सामाजिक संपर्क बनाए रखने की कोशिश करें। अगर आप इसमें सहज महसूस नहीं करते हैं, तो कम से कम कुछ ताजी हवा और धूप लें। अध्ययन बाते हैं कि बाहर समय बिताना अवसाद और चिंता को कम करने का एक शक्तिशाली तरीका है।
हर वक्त वीडियो गेम में ना लगें
वीडियो गेम आदि खेलना आपको आकर्षक लग सकता है, लेकिन इसमें अपना अधिकतर समय ना बिताएं। इस तरह की एक्टिविटीज की सबसे बुरी बात यह है कि यह आपको बाहरी दुनिया से अलग कर देता है, जिससे आपकी समस्या कम होने की जगह बढ़ने लगती है।
नकारात्मक सूचनाओं से बचें
जब व्यक्ति अवसाद में होता है तो वह जीवन को लेकर एक नकारात्मक दृष्टिकोण रखता है। ऐसे में अगर वह नेगेटिव खबरों को देखता या सुनता है तो इससे उसके मन की नेगेटिविटी और भी अधिक बढ़ जाती है। इसलिए, ऐसी किसी भी तरह की न्यूज से खुद को दूर रखने से बचें।
ना करें जीवन की तुलना
अपने जीवन की तुलना अन्य लोगों से करने से बचें। इससे आप और भी अधिक बुरा महसूस करेंगे। साथ ही, आपको अपने जीवन को लेकर नकारात्मकता का ही अहसास होगा। आपको यह समझना चाहिए कि हर व्यक्ति अपने जीवन को दूसरों के सामने अच्छा और बेहतर ही पेश करता है। जबकि वास्तविकता यह है कि हर व्यक्ति किसी ना किसी रूप में अपने जीवन में तनावग्रस्त है।