सोते वक्त मुंह से लार निकलना, घातक बीमारी

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विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन (भोपाल)- नवजात शिशुओं और दो साल तक के बच्चों में लार आना सामान्य है। लेकिन वयस्क व्यक्ति के मुंह से लार आन किसी स्वास्थ्य समस्या का संकेत हो सकता है। ऐसे में जरूरी है इससे संबंधित जानकारी का होना, जिससे वक्त रहते आप इसका उपचार कर सकें। मुंह से लार बहने को मेडिकल भाषा में सियालोरिया कहा जा सकता है। जीवन के पहले दो वर्षों के दौरान लार आना सामान्य है क्योंकि शिशुओं इस उम्र में मुंह के आसपास की मांसपेशियों पर पूर्ण नियंत्रण विकसित नहीं कर पाते हैं। लेकिन वयस्क लोगों में ऐसा होना परेशानी का सबब बन सकता है। हालांकि कभी-कभी नींद के दौरान लार निकलने को आम माना जाता है। लेकिन यदि किसी व्यक्ति के साथ यह समस्या लगातार बनी रहती है तो यह तंत्रिका संबंधी स्थितियां जैसे कि सेरेब्रल पाल्सी और पार्किंसंस रोग का भी लक्षण हो सकता है।

सोते समय लार क्यों टपकती है?

ड्रोलिंग कई कारकों के कारण हो सकता है। कुछ भी जिसके परिणामस्वरूप निगलने में कठिनाई होती है, मांसपेशियों के नियंत्रण में समस्या या बहुत अधिक लार का उत्पादन, सोने का पॉजीशन और आहार इसके लिए जिम्मेदार हो सकते हैं।

कारण-

मस्तिष्क संबंधी विकारकुछ तंत्रिका तंत्र की स्थितिओं में मांसपेशियों पर कंट्रोल रखना मुश्किल हो जाता है जिसके वजह से मुंह से लार टपकने लगता है। इसमें शामिल हैं-

  • स्ट्रोक
  • मस्तिष्क पक्षाघात
  • पार्किंसंस रोग
  • एमियोट्रोफिक लेटरल स्क्लेरोसिस (ALS)
  • मल्टीपल स्केलेरोसिस (एमएस)
  • डाउन सिंड्रोम
  • ऑटिज्म
  • इंफेक्शन/संक्रमण

संक्रमण से लार टपकने की समस्या पैदा हो सकती है। ऐसे में यदि आपका खराब गला या मोनोन्यूक्लिओसिस, साइनस इंफेक्शन, तोंसिल्लितिस, पेरिटोनसिलर फोड़ा, एक ऐसी स्थिति जिसमें टॉन्सिलिटिस आपकी गर्दन और छाती तक फैल जाता है, से ग्रसित है तो मुंह से लार आने की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

एलर्जी

किसी चीज से एलर्जी है तो आपके मुंह से सोते वक्त लार बह सकती है। दरअसल, एलर्जी होने पर लार ग्रंथि ज्यादा मात्रा में लार बनाती है, जिससे शरीर से विषाक्त पदार्थों बाहर निकल जाएं।

एसिडिटी

यदि आप एसिडिटी से ग्रसित रहते हैं तो मुंह से सोते वक्त लार निकलने की परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

गैस्ट्रोओसोफेगल रिफ्लक्स रोग

जीईआरडी एक ऐसी स्थिति है जिसमें पाचन एसिड आपके अन्नप्रणाली में वापस प्रवाहित होते हैं। इससे अन्नप्रणाली की परत को नुकसान होता है। आपको ऐसा लगता है कि आपके गले में एक गांठ मौजूद है और इससे निगलने में भी कठिनाई होती है और इसके परिणामस्वरूप लार टपकती है।

इलाज कराना जरूरी

सोते समय सांस लेने में रूकावट होना (स्लीप एपनिया) में मुंह से लार निकलने का कारण हो सकती है। स्लीप एपनिया एक गंभीर मेडिकल कंडीशन है जिसका समय पर उपचार शुरू होना जरूरी होता है। लंबे समय तक इसे अनुपचारित छोड़ देने से कई अन्य बीमारियों के होने का खतरा रहता है।

मुंह से अधिक लार आने के घरेलू उपचार:

१. सोने से पहले एक गिलास पानी पिएं
२. कुछ नींबू के टुकड़े चबाने से मुंह से लार आने की समस्या से छुटकारा पाने में मदद मिलेगी।
३. पीठ के बल सोएं ताकि आपके मुंह में लार इकट्ठा ना हो।
४. बंद नाक खोलने के लिए सोने से पहले भाप लें। यह आपको मुंह की बजाय नाक के माध्यम से सांस लेने में मदद करेगा और मुंह से लार आने को रोकेगा।
५. मुंह से लार बहने पर देर से पचने वाले भोजन से दूर रहें। कोशिश करें कि आपका पेट साफ रहें। मुंह से लार बहने की समस्या को दूर करने के लिए दिन में 3-4 बार दो से तीन तुलसी के पत्तों को चबाकर थोड़ा सा पानी पी लें।
६. फिटकरी के पानी से कुल्ला करने से भी आपको लार से निजात मिलेगी।
७. लार बहने की परेशानी को दूर करने के लिए दालचीनी की चाय का सेवन करें। इसके लिए दालचीनी को पानी में उबाल लें। अब इस पानी को छानकर इसमें शहद मिलाकर पिएं। ऐसा करने से आपको लार बहने की समस्या से छुटकारा मिलेगा।
८. बहती लार से छुटकारा पाने के लिए आंवला पाउडर का सेवन करें। इसके लिए खाना खाने के तुरंत बाद गुनगुने पानी के साथ आंवला पाउडर खाने से आराम मिलता है।

विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन
संरक्षक शाकाहार परिषद्
A2 /104 पेसिफिक ब्लू, नियर डी मार्ट, होशंगाबाद रोड, भोपाल 462026
मोबाइल ०९४२५००६७५३

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