अतिशय कारी श्री पारसनाथ दिगंबर जैन मंदिर जतारा में मुकुट सप्तमी के पावन दिवस पर 23 वें तीर्थंकर भगवान पारसनाथ का निर्वाण कल्याणक महोत्सव, श्रावको द्वारा हर्षोल्लास पूर्वक ,पारसनाथ विधान एवं निर्वाण लाडू समर्पित करके संपन्न किया गया। 4अगस्त की प्रातः कालीन बेला में प्रातः 7:00 बजे पारसनाथ भगवान का जलाभिषेक सामूहिक रूप से श्रावको द्वारा संपन्न किया गया इसके बाद नगर में विराजित परम पूज्य श्रमणाचार्य विभव सागर जी महाराज के आज्ञानुवर्ती शिष्य परम पूज्य मुनि आचरण सागर जी के मुखारविंद से संपूर्ण विश्व की शांति की भावना से शांति धारा का वाचन किया गया।
पूज्य मुनि श्री ने धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए, बताया की श्रावण शुक्ल सप्तमी के दिन 23वे तीर्थंकर भगवान पारसनाथ को निर्वाण की प्राप्ति हुई थी इसीलिए इस दिन को मोक्ष सप्तमी या मुक्ति सप्तमी भी कहते है धीरे धीरे यह शब्द मुकुट सप्तमी बन गया। शांति धारा करने का सौभाग्य संतोष कुमार माची एवं नरेंद्र कुमार चंदेरा परिवार को प्राप्त हुआ तत्पश्चात पारसनाथ पूजन, पारसनाथ विधान एवं निर्वाण लाडू समर्पित किया गया ।
जैन समाज प्रवक्ता एवं पत्रकार अशोक कुमार जैन ने बताया की इस उपलक्ष में लाडू सजाओ प्रतियोगिता भी आयोजित की गई जिसमें श्रीमती पूनम सिंघई, अंशिका आस्था मस्ताना एवं प्रियंका सिंघई को क्रमशः प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त हुआ ।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से राजीव माची, हरिश्चंद्र जैन, जयश्री दीदी, प्रज्ञा दीदी, मिनी दीदी, प्रिंस भैया, जतारा तहसीलदार दिव्या जैन ,पवन मोदी, रतन चंद्र धनगोल, संजीव माची, महेंद्र टांनगा ,मनोज ,अमित, मुकेश, राजेंद्र,मुन्नू प्रदीप सहित सैकड़ों की संख्या में श्रावक, श्राविकाये उपस्थित रहे ।
कार्यक्रम का संचालन पत्रकार अशोक जैन द्वारा किया गया ।