जयपुर। कर्नाटक में 5 जुलाई को दिगंबर जैन आचार्य काम कुमार नंदी महाराज का अपहरण कर निर्मम हत्या करने का मामला तूल पकड़ने जा रहा है, इस घटना के बाद से लगातार जैन समाज संतों की सुरक्षा की मांग कर रहा है। रविवार को राजधानी जयपुर में विराजमान जैन आचार्यों ने भी घटना की निंदा करते हुए कहा की ” आज लोगों के निजी स्वार्थ के चलते धर्म के प्रचारकों के साथ घटनाएं हो रही कभी सड़क दुर्घटना में साधुओं को मारा जा रहा है तो कही साधुओं का अपहरण कर निर्मम हत्याएं की जा रही है, सरकार को अहिंसा के पुजारियों की सुरक्षा को लेकर कड़े कदम उठाने चाहिए और संतों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए। ”
अखिल भारतीय दिगंबर जैन युवा एकता संघ अध्यक्ष अभिषेक जैन बिट्टू ने कहा की कर्नाटक में जैन साधु की हत्या एक राजनीतिक षडयंत्र है, क्योंकि इससे पूर्व में भी जैन साधुओं की हत्याओं को अंजाम दिया जा चुका है किंतु आजतक जांच ना होने के चलते ना आरोपियों को पकड़ा गया और ना ही निष्पक्ष जांच की गई। केवल दिगंबर जैन संत ही नही बल्कि श्वेतांबर जैन संतों की भी हत्याएं हो रही है। केंद्र और राज्यों की सरकारों को मिलकर जैन साधुओं की सुरक्षा को लेकर कड़े नियम बनाने चाहिए जिससे साधुओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
आचार्य सौरभ सागर महाराज ने प्रताप नगर सेक्टर 8 के संत भवन में प्रवचन श्रृंखला के दौरान कहा की ” जैन धर्म अहिंसा का पाठ पढ़ाता है और जैन साधु जगह – जगह पद विहार कर, मानसून के दौरान एक स्थान पर विराजमान रहकर चातुर्मास कर अहिंसा का प्रचार – प्रसार करते है। इन सबके बावजूद अगर अहिंसा के पुजारियों की निर्मम हत्याएं होती रहेगी तो देश में अहिंसा का प्रचार कौन करेगा। सरकारों को इस विषय पर विचार करना चाहिए और संतों की सुरक्षा व्यवस्था करनी चाहिए।
आचार्य नवीन नंदी महाराज ने बरकत नगर में रविवार को चातुर्मास कलश स्थापना के दौरान सभा में कहा की ” आज देश सुरक्षा की दृष्टि से बिल्कुल अलग हट गया है, अगर कोई सुरक्षित है तो वह केवल संत समाज है जो सबसे ज्यादा असुरक्षित है, आए दिन सुनने को मिलता है पद विहार करने के दौरान संतो की सड़क दुर्घटना के नाम पर मृत्यु हो रही है तो कही संतो का अपहरण कर हत्या की जा रही है। कुछ वर्षो से इस तरह की घटनाओं में इजाफा हुआ है, गुजरात के गिरनार में कुछ वर्षो पहले मुनि प्रार्थना सागर महाराज पर कातिलाना हमला हुआ था, इसी तरह मध्य प्रदेश में भी जैन मुनि की हत्या की ख़बर सुनने को मिली थी। गुजरात में सड़क हादसों के नाम पर दिगंबर और श्वेतांबर जैन साधुओं की हत्याओं को अंजाम दिया जा रहा है। जिस पर सभी सरकारों को गंभीरता से लेना चाहिए और जैन साधुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।