जयपुर 27 फरवरी – श्री दिगंबर जैन मंदिर महारानी ,फार्म गायत्री नगर ,जयपुर में घट यात्रा एवं ध्वजारोहण के साथ सिद्धचक्र महामंडल विधान का शुभारंभ प्रतिष्ठाचार्य पं. प्रदुम्न जी शास्त्री जयपुर के निर्देशन में प्रारंभ हुआ । मंदिर प्रबंध समिति के मंत्री राजेश बोहरा के अनुसार सर्वप्रथम मूलनायक भगवान आदिनाथ जी के प्रथम अभिषेक- शांति धारा करने का सौभाग्य मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष कैलाश छाबडा को प्राप्त हुआ,साथ में सोधर्में इन्द्र बने उदयभान जैन बड़जात्या थे।
तत्पश्चात मूलनायक भगवान आदिनाथ की श्रीफल अर्पित कर विधान की आज्ञा लेकर सोधर्में इन्द्र उदयभान जैन द्वारा श्री जी को सार पर लेकर तलघर स्थित पंडाल में विराजमान किया एवं मांगलिक क्रियायें प्रारंभ की गई ।
मन्दिर प्रबन्ध समिति के उपाध्यक्ष अरूण शाह ने बताया कि 8 दिवसीय कार्यक्रम में झंडारोहण समाज श्रेष्ठी सुनील – लता जी सोगानी परिवार द्वारा किया गया।
तत्पश्चात बैंड बाजों के साथ जैन मंदिर से विशाल व भव्य घटयात्रा प्रारंभ हुई ,घटयात्रा में सौभाग्यशाली महिलाऐ महिलाएं सिर पर कलश लेकर चल रही थीं , सोधर्म इंद्राणी अनीता बड़जात्या, कुबेर इंद्राणी संगीता सोगानी , महायज्ञ नायक इंद्राणी अमिता गोधा एवं अन्य इंद्राणी जुलूस में मंगल कलश लेकर आगे चल रही थीं तत्पश्चात मंगल कलश में लाए हुए शुद्ध जल से मंडल ,पांडाल, भूमि एवं पात्रों की शुद्धि की गई ।
पांडुक शिला पर श्री जी को विराजमान कर सोधर्में इन्द्र उदयभान जैन, कुबेर इन्द्र मुकेश सोगानी, महायज्ञ नायक अनिल गोधा ने श्री जी के कलश व शांति धारा की । विधान के आरंभ में प्रथम दिन सिद्धों की आराधना करते हुए 8 अर्घ्य समर्पित किए । रात्रि में महाआरती व प्रवचन हुए, प्रतिष्ठाचार्य प्रदुम्न शास्त्री ने अष्टान्हिका पर्व पर प्रकाश डाला, प्रश्न मंच हुए और प्रश्न मंच में चक्रवर्ती बने रिखब मधु पाण्डया द्वारा पारतोषिक भेंट किये।