कामां के विजय मती त्यागी आश्रम में वर्षायोगरत आचार्य विनीत सागर महाराज ने रविवारीय विशेष प्रवचन में कहा कि माता पिता के अहसानों को आप चाहे जितना भी कुछ कर ले चुकाया नहीं जा सकता है।वर्तमान में पाश्चयात सभ्यता के प्रभाव से प्रभावित होकर संतानों को यह कहते सुना गया है कि आपने हमारे लिए किया ही क्या ,जबकि उनको यह नहीं पता कि उनके सर्वांगीण विकास में अपने पूरे जीवन को खफा देने का कार्य माता-पिता के द्वारा किया जाता है।अपने अरमानों का गला घोंट संतान के हर अरमान को पूरा करने का भरसक प्रयत्न माता पिता करते हैं।
आचार्य ने कहा कि मां बाप ही वो नीवं की ईंट हैं जिस पर आप कंगूरे बन मजबूती से खड़े हो। इस अवसर पर मुनि अजित सागर महाराज ने भी कहा कि मर्यादित समय के लिए लिया गया छोटा नियम भी बहुत बड़े पुण्य अर्जन का कार्य करता है। रविवार दोपहर को विजयमती त्यागी आश्रम में महिला मंडल की मीटिंग आयोजित हुई जिसमें स्वाति जैन हैदराबाद के आह्वान पर अखिल भारतवर्षीय दिगंबर जैन महिला परिषद शाखा कामां का गठन कर अध्यक्ष मनीषा जैन सर्राफ,सचिव संजना जैन बड़जात्या, कोषाध्यक्ष अंशु जैन पथवारी वाले को सर्वसम्मति से मनोनीत किया गया।
वृक्षारोपण कर प्रकृति संतुलन का दिया सन्देश* नवगठित महिला मंडल द्वारा जैन समाज के अध्यक्ष अनिल जैन लहसरिया, संजय जैन बड़जात्या, संजय जैन सर्राफ,सुनील पथवारी वाले के सानिध्य में वृक्षारोपण कर प्रकृति संतुलन का संदेश दिया। नवनिर्वाचित अध्यक्ष मनीषा जैन ने कहा कि वृक्षारोपण के लिए वर्षाकाल का उत्तम समय चल रहा है। इस अवसर पर विनय जैन,अंशु जैन,रजनी जैन,सीमा बड़जात्या,अनिता जैन,पूजा जैन,तनवी बड़जात्या,खुशबू अगोनिया,ऋतु जैन,नेहा सर्राफ आदि महिलाएं उपस्थित रही।