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1 दिसंबर 1895 से प्रकाशित जैन समाज का सर्वाधिक प्रसार संख्या वाला साप्ताहिक

Unit of Shri Bharatvarshiya Digamber Jain Mahasabha

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अमृत वाणी

अंतर्मना आचार्य श्री प्रसन्न सागरजी महाराज

कुछ पाने या जानने का मतलब है, निरन्तर अभ्यास ऐसे बनाये रखना.. जैसे नदी...

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औरगाबाद दिली नरेंद्र /पियूश जैन मनुष्य किस्मत की डायरी में क्या क्या लिखवाकर आया है, यह तो उसका कर्म और परमात्मा ही जान सकता...
आचार्य अतिवीर मुनिराज

चातुर्मास: तप, त्याग और धर्म का समर्पण पर्व – आचार्य अतिवीर मुनिराज

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भारत की आध्यात्मिक परंपराओं में जैन धर्म का स्थान विशिष्ट है। जैन साधु-संतों की तपस्या, अहिंसा, अपरिग्रह और आत्मानुशासन की मिसालें आज भी जीवन...
मंत्र महर्षि क्षुल्लक योगभूषण महाराज

चातुर्मास : प्रकृति और धर्म के अद्भुत मिलन का काल – मंत्र महर्षि क्षुल्लक...

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सृष्टि का चक्र अनवरत गतिशील है—गर्मी, वर्षा और शीत ऋतु इसका पर्याय हैं। इन्हीं ऋतुओं में से एक—वर्षा ऋतु—न केवल पर्यावरणीय दृष्टि से, बल्कि...
पंचम काल में धर्म का ज्ञान सीखा जैन मुनियों से - गणिनी आर्यिका विज्ञाश्री माताजी

पंचम काल में धर्म का ज्ञान सीखा जैन मुनियों से...

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पंचम काल में हम मोक्ष से और मोक्ष मार्ग से अंधे हैं। हमें नहीं पता तीर्थंकर कैसे करुणा करते हैं। हमें नहीं पता तीर्थंकरों...
"जियो और जीने दो: सह-अस्तित्व की संस्कृति की ओर एक कदम

“जियो और जीने दो: सह-अस्तित्व की संस्कृति की ओर एक कदम

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"जियो और जीने दो" एक छोटा-सा वाक्य है, परंतु इसमें छिपा हुआ संदेश अत्यंत गहरा और व्यापक है। यह सिद्धांत केवल सामाजिक जीवन की...
जिसके पास मन नहीं, उससे कुछ भी कहना नहीं -मुनिश्री विलोकसागर

जिसके पास मन नहीं, उससे कुछ भी कहना नहीं – मुनिश्री विलोकसागर

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शिक्षण शिविरों का आज होगा समापन समारोह मुरैना (मनोज जैन नायक) उपदेश उसे ही दिया जाना चाहिए जो समझने की क्षमता रखता है । जिसमें...
सप्तम पट्टाचार्य श्री ज्ञेयसागर जी महाराज का चातुर्मास सम्मेद शिखरजी में

सप्तम पट्टाचार्य श्री ज्ञेयसागर जी महाराज का चातुर्मास सम्मेद शिखरजी में

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9 जुलाई को होगी मंगल कलश स्थापना श्री सम्मेद शिखर जी (मनोज जैन नायक) दिगम्बर जैनाचार्य श्री ज्ञेयसागर जी महाराज का मंगल चातुर्मास 2025 शाश्वत...
साँसों के रुकने के पहले इच्छाओं का रूक जाना है उत्तम समाधि-आचार्य श्री 108 भद्रबाहु मुनिराज

साँसों के रुकने के पहले इच्छाओं का रूक जाना है उत्तम समाधि-आचार्य श्री 108...

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झूमरी तिलैया । श्री दिगम्बर जैन समाज के नेतृत्व में श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर में परम पूज्य आचार्य श्री 108 भद्रबाहु सागर जी...
जिनवाणी का स्वाध्याय आत्मा को शांति और स्थिरता प्रदान करता है। - अन्तर्मना आचार्य प्रसन्न सागर जी महाराज

जिनवाणी का स्वाध्याय आत्मा को शांति और स्थिरता प्रदान करता है। –...

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मुजफ्फरनगर मै पहलीबार श्रुतपंचमी महापर्व  पर श्रुताभिषेक महोत्सव सानन्द सम्पन्न औरंगाबाद नरेंद्र /पियुष जैन    साधना महोदधि अन्तर्मना आचार्य प्रसन्न सागर जी महाराज ने विशाल धर्म...

मानव को इंसान बनाने की ताकत भारतीय संस्कृति में है – मुनिश्री विलोकसागर

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श्रुत पंचमी पर्व पर निकाली गई भव्य जिनवाणी शोभायात्रा मुरैना (मनोज जैन नायक) भारतीय संस्कृति में प्रत्येक प्राणी चाहता है कि मैं महावीर, राम और...

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