Unit of Shri Bharatvarshiya Digamber Jain Mahasabha
आत्मा में लीनता, निज में निज की लीनता ही ब्रह्मचर्य है।
आत्म ब्रह्म में लीनता ही सर्वश्रेष्ठ है। आत्मान्वेषण, सुदद्धात्म ,शुद्धात्म-लीनता ही उत्कृष्ट ब्रह्मचर्य धर्म है।
शीलव्रत, ब्रह्मचर्य सर्व प्रधान अंक के समान है, और अन्य...
संयम जीवन का प्राण : उपाध्याय विशेषसागर
सर्वज्ञ तीर्थ पुसेगांव में उत्तम संयम धर्म के शुभावसर पर प.पू. उपाध्याय श्री 108 विशेषसागर जी गुरुदेव ने धर्म सभा को सम्बोधित करते हुए...
चोर चोरी से जाए, पर हेराफेरी से न जाए – आचार्य विनिश्चयसागर
मुरैना/रामगंजमंडी (मनोज जैन नायक) धर्मसभा को संबोधित करते हुए बक्केशरी आचार्यश्री विनिश्चय सागर महाराज ने कहा मनुष्य के ऐसे संस्कार हैं कि उसे जिस...
सब को दे दो दया की छत्रछाया और छोड़ दो संसार की माया: –...
बूंदी, 2 अगस्त। शांतिसिंधु प्रभावना पावन वर्षायोग के अंतर्गत संभवनाथ दिगम्बर जैन मंदिर देवपुरा में चल रही धर्म प्रभावना के अंतर्गत शनिवार को मुनि...
प.पू. सारस्वताचार्य श्री १०८ देवनन्दिजी गुरुदेव का ६२ वां ‘जन्म जयन्ति’ समारोह में आप...
आध्यात्म दर्शन ,ज्योत्षी ,मंत्र ध्यान योगविज्ञान वास्तु साहित्य में निपूर्ण श्रवण संस्कृति उन्नायक लेखक मनन चिन्तनकार तत्वचर्चा में रत आर्ष परंपरा से संरक्षक वात्सल्य...
भगवान खोजने से नहीं, बल्कि भीतर खोदने से मिलते है। – अन्तर्मना आचार्य...
अन्तर्मना आचार्य श्री प्रसन्न सागरजी महाराज एवं उपाध्याय पियूष सागरजी महाराज ससंघ तरुणसागरम तीर्थ पर वर्षायोग हेतु विराजमान हैं उनके सानिध्य में वहां विभिन्न...
धर्मात्मा कभी अस्पताल में नहीं मरेगा, कर्जदार नहीं होगा, लंगड़ा लूला, असहाय गरीब नहीं...
सकारात्मक सोच, समझने और ध्यान चिन्तन में डूबने वाले लोग..हमेशा श्रेष्ठ सलाह और सहयोग प्रदान करते हैं..वे कभी सार्वजनिक खेल तमाशा और गाली गलौज,...
तिर्थकर हे जगाला प्रकाश देण्याकरिता जन्म घेत असतात. भक्तांबरवाले बाबा आचार्य...
छञपती संभाजीनगर प्रतिनीधी - श्री.१००८ खंडेलवाल दिगंबर जैन पंचायत पार्श्श्वनाथ मंदिर राजाबजार येथे प.पु.आचार्य डॉ.प्रणासागरजी महाराज यांचा चातुर्मास सुरâ असुन आचार्यश्रीच्या सानिध्यात आज भगवान...
संयम की साधना से आत्मबल की प्राप्ति होती है – मुनिश्री विलोकसागर
आज मंत्रोचारण के साथ चातुर्मास का संकल्प लेंगे युगल मुनिराज
मुरैना (मनोज जैन नायक) श्री सिद्धचक्र महामंडल विधान के छठवें दिन कर्म दहन विधान का...
परिणामों की विशुद्धि से ही मोक्ष मार्ग प्रशस्त होगा – आचार्य अतिवीर मुनिराज
प्रशममूर्ति आचार्य श्री १०८ शान्तिसागर जी महाराज (छाणी) परम्परा के प्रमुख संत परम पूज्य आचार्य श्री १०८ अतिवीर जी मुनिराज के पावन सान्निध्य में...