पुण्य के उदय से होता है संतों का आगमन: आचार्य प्रमुख सागर

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दिसपुर : पुण्य से पुण्य बढ़ता है, तो वह पुण्य परमात्मा तक ले जाता हैं। संसार में चार प्रकार के लोग होते हैं। एक वह जो पुण्य से पुण्य बढ़ाते हैं। वह अपने तन- मन, धन का सदुपयोग करते हैं। दूसरे वह लोग जो पुण्य का दुरुपयोग करते हैं। वह अपने तन- मन, धन का दुरुपयोग करते हैं। वह अपने जीवन को गलत कार्यों में लगाते हैं। तीसरे वह लोग जिनका पाप का उदय होता है उन्हें संसार में धन- दौलत कुछ भी नहीं मिलता है। फिर भी वह मन से अच्छे सोचते हैं। अच्छे कामों की अनुमोदना करते हैं। वह लोग परम सौभाग्य को प्राप्त होते हैं। चौथे वह लोग है जिनके पास कुछ नहीं है। वह लोग चोरी करते हैं, गलत चीजों का सेवन करते हैं। ऐसे लोग पाप का अंजन करते हैं। और उनके पाप का ही उदय होता है। यह उक्त बातें आचार्य श्री प्रमुख सागर महाराज ने रविवार को दिसपुर जैन मंदिर में उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही। इससे पूर्व आज प्रातः7.00 तरुण नगर मे ससंघ प्रवासित आचार्य श्री प्रमुख सागर महाराज एक भव्य जुलूस व गाजे- बाजे के साथ दिसपुर जैन मंदिर पहुंचे जहां आचार्य श्री ससंघ ने सप्रथम देव दर्शन किए। तत्पश्चात दिसपुर जैन समाज की ओर से विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। मालूम हो की ससंघ के दिसपुर मंदिर में प्रवास के दौरान रोजाना प्रातः 8.00 बजे से मंगल प्रवचन, दोपहर 3.00 बजे से स्वाध्याय एवं शाम 7.00 से गुरु भक्ति एवं आरती आदि कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। कार्यक्रम को सफलतापूर्वक आयोजन कराने में दिसपुर जैन महिला मंडल, दिसपुर जैन युवक संघ का विशेष सहयोग रहा। इस अवसर पर गुवाहाटी, पांडू , रैंहाबाडी़, बरपेटा, नलबाड़ी आदि जगहो से गुरु भक्त उपस्थित थे। यह जानकारी सुनील कुमार सेठी द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में दी गई है।।

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