प्रतिष्ठा पितामह पंडित गुलाब चंद्र पुष्प का जन्म शताब्दी समारोह आरंभ

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प्रागैतिहासिक तीर्थक्षेत्र नवागढ़ में हुए विविध आयोजन
वक्ताओं ने कहा बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी थे पुष्प जी
ललितपुर। प्रागैतिहासिक अतिशय क्षेत्र नवागढ़ के अन्वेषक प्रतिष्ठा पितामह पंडित गुलाब चंद जी पुष्प का जन्म शताब्दी वर्ष का शुभारंभ उनके जन्म दिवस 10 जुलाई के अवसर पर नवागढ़ में विविध आयोजनों के साथ किया गया।
जैन जगत के विख्यात एवं सर्वमान्य  प्रतिष्ठाचार्य :
क्षेत्र के प्रचारमंत्री डॉ सुनील संचय ने बताया कि प्रागैतिहासिक अतिशय क्षेत्र नवागढ़ के अन्वेषक प्रतिष्ठा पितामह पंडित गुलाब चंद जी पुष्प प्रतिष्ठाचार्य, जैन जगत के विख्यात एवं सर्वमान्य  प्रतिष्ठाचार्य रहे हैं, जिन्हें सभी आचार्यों  श्रेष्ठियों,विद्वानों का बहुमत प्राप्त रहा है । आपने आगमोक्त चर्या के साथ प्रतिष्ठा कार्य करते हुए आदर्श स्थापित किया है। आपने कभी भी किसी परिस्थिति में कोई समझौता नहीं किया, भले ही आपने पंचकल्याणक प्रतिष्ठा करने से मना कर दिया ।     प्रागैतिहासिक अतिशय क्षेत्र नवागढ़ का अन्वेषण 8 अप्रैल 1 959 को करते हुए आपने वहां के अतिशय कारी अरनाथ भगवान के बिंब के माध्यम से भोंयरे  का निर्माण, विस्तार, शिखर निर्माण एवं प्रतिष्ठा करने का संकल्प किया। जिसे आपने पूर्ण करते हुए इस क्षेत्र के जीर्णोद्धार एवं विकास का कार्य अपने चतुर्थ पुत्र ब्रह्मचारी जय कुमार निशांत को सौंपा।
व्यक्तित्व    :
प्रतिष्ठा जगत में ख्याति प्राप्त करते हुए अपने ज्योतिष, संगीत, आयुर्वेद, साहित्य, मंत्र साधना का विशेष ज्ञान प्राप्त करते हुए अपने जीवन को प्रतिमा व्रतों से परिपूर्ण करते हुए अपने जीवन काल में शताधिक विद्वानों एवं हजारों श्रावक श्राविकाओं को सन्मार्ग बताते हुए उनका मोक्ष मार्ग प्रशस्त किया।
आपके प्रतिष्ठाचार्यत्व में सैकड़ों जिनालय, पंचकल्याणक प्रतिष्ठा,गजरथ महोत्सव एवं हजारों अनुष्ठान संपन्न हुए जिन के माध्यम से जिन शासन की अतिशय प्रभावना हुई
*नवागढ़ में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन*
 नवागढ़ में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में क्षेत्र के महामंत्री वीर चंद्र नेकोरा  सभा में श्रद्धांजलि समर्पित करते हुए समिति की ओर से ब्रह्मचारी निशांत भैया से अनुरोध किया जिस प्रकार का पंडित जी का गौरव पूर्ण जीवन रहा है उसी के अनुरूप शताब्दी वर्ष उनके बहूमान में समर्पित करें तथा इस उपलक्ष में विशेष गरिमामय अनुष्ठान  आयोजित करते हुए उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करें l
संयुक्त मंत्री अशोक जैन मैनवार ने कहा पंडित जी का जैसा जीवन रहा है ,वैसा ही उनका आभामंडल भी रहा है, आपकी कथनी करनी में कोई भेद नहीं था । आप सदैव स्वाध्याय में लीन रहते थे, आपके माध्यम से जैन समाज के लिए नवागढ़ क्षेत्र का वरदान प्राप्त हुआ है। ब्रह्मचारी निशांत भैया ने यहां गहन अन्वेषण करा कर इसे विश्व का एकमात्र प्रागैतिहासिक अतिशय क्षेत्र का बहूमान दिलाया है । हम चाहते हैं पंडित जी के जीवन के अनुरूप ही शताब्दी वर्ष में आयोजन संपन्न किए जाएं।
 *स्मृतियां*
क्षेत्र संरक्षक डॉक्टर कोमल चंद जी ने श्रद्धांजलि समर्पित करते हुए कहा मैं एवं पठया तेजीराम जी इसके शून्य से शिखर तक की यात्रा के साक्षी हैं। मुझे याद है जिस दिन अर नाथ भगवान का अन्वेषण हुआ था, उस समय इस क्षेत्र में कुछ भी नहीं था,लेकिन भगवान के अतिशय एवम पुष्प जी की सदप्रेरणा एवं पुरुषार्थ से आज यह क्षेत्र विश्व के नक्शे पर आकर सभी को चमत्कृत कर रहा है।
यहां के अर नाथ भगवान का ऐसा आभामंडल है कि सभी की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
*विधान संपन्न*
नवागढ़ गुरुकुलम के छात्रों द्वारा आज इस उपलक्ष्य में श्री अरनाथ महामंडल विधान का आयोजन संस्कृतिक शिक्षक  मुन्ना लाल जैन के निर्देशन में संपन्न किया। विधान में सभी छात्रों ने शांतिधारा करते हुए सभी शिक्षकों के साथ कुमारी सौम्या के संगीत के साथ विधान संपन्न करते हुए पंडित जी के स्टेचू के समक्ष अपना श्रद्धा भाव समर्पित किया ।
*संकल्प*
आज के विधान में क्षेत्रीय समाज के कई लोग उपस्थित रहे, क्षेत्र के  आनंदी लाल  लुहर्रा, वीर चंद जी नेकोरा, अशोक कुमार मेंनवार,राकेश कुमार  ककरवाहा आदि सभी ने संकल्प किया पंडित जी की प्रतिष्ठा अनुसार यहां पर सांस्कृतिक, साहित्यिक, मानवीय सेवा एवं अनुष्ठान करते हुए इस वर्ष को शताब्दी समारोह के रूप में संपन्न करेंगे ।
*सिद्धचक्र विधान*
निदेशक ब्रह्मचारी जयनिशांत भैया जी ने बताया पुष्प परिवार की ओर से अक्टूबर माह में इस शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में सिद्धचक्र महामंडल विधान का आयोजन किया जाएगा एवं निःशुल्क नेत्र चिकित्सा शिविर तथा ऑपरेशन का कार्य भी समयानुसार संपादित किया जाएगा। अन्य अनेक विविध आयोजन पूरे वर्ष होंगे।
आज पुष्प जी हमारे बीच नहीं हैं लेकिन अनेक कार्य उन्हें जीवंतता प्रदान कर रहे हैं।

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