धर्म पानी की तरह है – जो भी धर्म का पानी पीयेगा, धर्म उसकी प्यास बुझायेगा ही बुझायेगा- प्रसन्न सागर जी महामुनिराज

0
139

औरंगाबाद संवाददाता नरेंद्र /पियुष जैन परमपूज्य परम तपस्वी अन्तर्मना आचार्य श्री 108 प्रसन्न सागर’ जी महामुनिराज सम्मेदशिखर जी के बीस पंथी कोटी में विराजमान अपनी मौन साधना में रत होकर अपनी मौन वाणी से सभी भक्तों को प्रतिदिन एक संदेश में बताया कि धर्म पानी की तरह है – जो भी धर्म का पानी पीयेगा, धर्म उसकी प्यास बुझायेगा ही बुझायेगा।प्रसन्न सागर’ जी महामुनिराज

यदि आप जानना चाहते हैं कि आपको कौन नियन्त्रित करता है,

तो आप आँख मूंदकर सोचें हम किसके बारे में गलत नहीं सोचते -?

और यह भी जानो कि हम क्या नहीं जानते-?

जो नहीं जानते उसके बारे में जानने की शुरूआत

आज से ही शुरू कर देना चाहिए..!

 

मनुष्य का स्वभाव बन गया है कि मान्यताओं की खोज करना। किसी समूह की मान्यताओं से जुड़ने के बाद हमें लगता है कि हम सम्बद्ध हो गये और मान्यताओं की पहचान बन गये। और हम अपने आप को पूर्वाग्रहों की धारणाओं से मजबूत समझने लगते हैं। जबकि विनय, विवेक और विचारशील मनुष्यों की बुनियादी प्रवृति देखी गई है कि वे बनी-बनाई मान्यताओं पर आँख मूंदकर नहीं चलते। बल्कि उनके पद चिन्ह ऐसे आदर्श की मिसाल बन जाते हैं जो पन्थ का नहीं, पथ का मार्ग प्रशस्त करते हैं।

 

आज जहाँ देखो पन्थवाद, सन्तवाद, सम्प्रदायवाद, पूर्वाग्रह, दुराग्रह, हटाग्रह से पीड़ित लोग धर्म की आड़ में इन सब विशेषणों को बेशरम के पेड़ की तरह लगाने और फैलाने में लगे हुये हैं। धर्म का मर्म अनन्त सुख है और पन्थवाद, सन्तवाद, सम्प्रदायवाद, का सुख आपकी एक श्वास रूकने तक का है। आप कहीं भी जाओ, अब धर्म की खुश्बू नहीं आती। बल्कि धर्म के नाम पर पूर्वाग्रह, दुराग्रह, हटाग्रह, सन्तवाद, पन्थवाद, सम्प्रदायवाद की बू आ रही है।

इसलिए —

धर्म अग्नि की तरह है – जो भी धर्म की शरण में आयेगा, उसके पाप का, दुराचार का, अनाचार का, व्यभिचार का दहन होगा ही होगा।

धर्म पानी की तरह है – जो भी धर्म का पानी पीयेगा, धर्म उसकी प्यास बुझायेगा ही बुझायेगा।

धर्म औषधी के समान है – जो धर्म की औषधी खाएगा, उसके जन्म मरण का नाश होगा ही होगा।

धर्म एक ही है – अहिंसा, संयम, तप और दया।

दिल्ली एक है – आने के मार्ग अलग-अलग है।

अग्नि एक है जो भी अग्नि में हाथ डालेगा, वो जलेगा ही जलेगा …!!! नरेंद्र अजमेरा पियुष कासलीवाल औरंगाबाद

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here