भील जाति के मनुष्य ने मांस का त्याग करने पर चक्रवर्ती पद की प्राप्ति हुई

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मंगलाचरण की प्रस्तुति से प्रारंभ हुई मुनि श्रुतेशसागर महाराज की धर्म सभा
नैनवा 31 अक्टूबर गुरुवार
शांति वीर धर्म स्थल पर प्रातः काल 8.30 पर मुनि श्री के पाद पक्षालन वर्षा योग समिति द्वारा किए गए
मंगलाचरण की भव्य प्रस्तुति पहली बार सुश्रीअथांशि जैन मोडीका
सुश्री युक्ता जैन सोगानी सुश्री अक्षित जैन मोडीका द्वारा दी गई
भोपाल से आए सैष्टि पंकज जैन का समिति द्वारा स्वागत सम्मान किया गया
मांस का भषण त्यागने से भील का जीव चक्रवर्ती पद को प्राप्त हुआ
जैन मुनि श्रुतेश सागर जी महाराज ने धर्म सभा को संबोधित करते हुए बताया
भगवान महावीर के सिद्धांत पर चलने पर मनुष्य को परम शांति प्राप्त होती है
विद्यार्थी को परीक्षा में पास होने के लिए अपनी पुस्तकों को पढ़ना बहुत जरूरी है बिना पढ़े विद्यार्थी पास होना असंभव है
मनुष्य ने अपनी आत्मा में सभी प्रकार के भोग भोगे हैं फिर भी उसको संतुष्टि शांति प्राप्त नहीं हुई आत्मा में परम शांति केवल धर्म साधना करने पर ही प्राप्त होगी
मुनि ने बताया की एक भील के जीव ने कौवे का मांस का त्याग किया
भील बीमार होने पर डॉक्टर ने औषधि में कौवे का मांस वाली दवाई बताई मिल ने लेने औषधि का सेवन करने से मना कर दिया भील का जीव मरकर देव गति को प्राप्त हुआ और चक्रवर्ती पद को चक्रवर्ती के घर पर बेटा बना एक छोटे से नियम से भील का जीव कहां से कहां पहुंच गया
मुनि ने यह भी बताया कि जिनके पास बंगले कोटिया गाड़ी एस आराम की सभी चीजे हैं वह पुण्य आत्मा जीव नहीं है
पुण्य आत्मा जीव वह है जिनके पास देव शास्त्र गुरु का भक्त बनकर उनकी आराधना करता है उसके पास संसार की सभी वस्तुएं प्राप्त होती है जीवन में सदैव सुख शांति रहती है
कल शांति वीर धर्म स्थल पर भगवान महावीर का 2550 का निर्माण महोत्सव लड्डू ठीक 8:30 पर चढ़ाया जाएगा
महावीर कुमार जैन सरावगी
दिगंबर जैन समाज प्रवक्ता नैनवा

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